झुंझुनूं: ऑपरेशन सिंदूर 2025 के दौरान पाकिस्तान हमले में शहीद हुए सुरेंद्र कुमार मोगा की पत्नी सीमा का एक हृदयविदारक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे अपने शहीद पति को अंतिम विदाई देते हुए अपने प्यार का इज़हार कर रही हैं। सुरेंद्र कुमार मोगा राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मंडावा कस्बे के पास स्थित गांव मेहरादासी के रहने वाले थे।
रविवार को सुरेंद्र मोगा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी पत्नी सीमा ने अंतिम दर्शन करने की ज़िद की। जब उन्हें मौका मिला, तो उन्होंने पार्थिव शरीर को सैल्यूट करते हुए रोते हुए कहा, आई लव यू... प्लीज यार, उठ जा... प्लीज उठ जा यार। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
जब भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने सुरेंद्र मोगा की वर्दी और टोपी उनकी पत्नी को सौंपते हुए कहा कि पूरी वायुसेना उनके साथ है, तो वीरांगना सीमा ने कहा, सब कुछ है, लेकिन मेरा सुरेंद्र मेरे पास नहीं है। आप मेरे सुरेंद्र को साथ क्यों नहीं लाए? उसे क्यों छोड़ आए?
शहीद की 11 वर्षीय बेटी वर्तिका का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कहती है, मुझे पापा की शहादत पर गर्व है। मेरे पापा देश के दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हुए। मैं भी फौजी बनना चाहती हूं और उनकी शहादत का बदला लूंगी।
शहीद की मां नानू देवी बेटे की शहादत पर बार-बार यही कहती रहीं, मुझे छोड़कर कहां चला गया मेरा लाल? अब इस नए मकान में कौन रहेगा? सुरेंद्र ने हाल ही में गांव में नया मकान बनवाया था और कुछ दिन पहले ही गृह प्रवेश हुआ था।
सुरेंद्र कुमार मोगा सीआरपीएफ से रिटायर्ड शिशुपाल सिंह के इकलौते पुत्र थे। वे 14 वर्ष पूर्व भारतीय वायुसेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे वायुसेना की 39वीं विंग, उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट के पद पर तैनात थे। वे 15 अप्रैल 2025 को ही ड्यूटी पर लौटे थे। 9 मई 2025 को, पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वे पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले में शहीद हो गए।
रविवार को गांव मेहरादासी में शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा का अंतिम संस्कार राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनके 9 वर्षीय पुत्र दक्ष ने उन्हें मुखाग्नि दी। सुबह जब शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची, तो तिरंगा यात्रा निकाली गई और शहीद सुरेंद्र सिंह मोगा अमर रहें , जब तक सूरज-चांद रहेगा, सुरेंद्र मोगा तेरा नाम रहेगा के नारों से आसमान गूंज उठा।
ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए सुरेंद्र कुमार मोगा तीन बहनों के इकलौते भाई थे। एक जनवरी 2010 में वायुसेना ज्वाइन करने वाले सुरेंद्र कुमार ने प्रारंभिक शिक्षा झुंझुनूं शहर के स्कूलों से हुई थी। ससुर रामनिवास मील भारतीय वायुसेना से रिटायर हो चुके हैं। सुरेंद्र की शादी गांव बलरिया की रहने वाली सीमा से हुई थी। सीआरपीएफ से रिटायर पिता शिशुपाल सिंह मोगा का साल 2018 में देहांत हो गया था।
सुरेंद्र कुमार मोगा ने 2 अप्रैल 2025 को गांव में नए घर में प्रवेश किया था। इसके बाद 15 अप्रैल 2025 को पत्नी सीमा व बच्चों को साथ लेकर उधमपुर पर ड्यूटी पर गए थे। गांव बलरिया में सीमा के दादाजी का निधन होने पर वह शुक्रवार को ही उधमपुर से लौटी थीं।
*झुंझुनू, राजस्थान:
— Ocean Jain (@ocjain4) May 11, 2025
आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी के दौरान सार्जेंट सुरेंद्र मोगा ने ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया।
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की बहादुर बेटी कहती है,
“मुझे गर्व है कि मेरे पिता दुश्मनों को मारते हुए और देश की रक्षा करते हुए शहीद हो… pic.twitter.com/2BmIkHPokS
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