ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव थमता नजर आ रहा है. भारत की सख्त कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने कुछ शर्तों के साथ मान लिया. इस अचानक हुए सीजफायर ने कई लोगों को चौंका दिया है.
अब इस मामले पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य तिलक देवाशेर का अहम बयान आया है. एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह एक द्विपक्षीय समझौता है, जिसकी शर्तें अभी तय होनी बाकी हैं.
12 मई को डीजीएमओ (DGMOs) के बीच इस मुद्दे पर चर्चा होगी. इस बातचीत से सीजफायर की शर्तों को लेकर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.
देवाशेर ने यह भी याद दिलाया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में मध्यस्थता की पेशकश की थी. तब प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भारत और पाकिस्तान परिपक्व देश हैं और वे अपने मुद्दों को खुद सुलझा सकते हैं. हमें किसी मित्र की आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने भारत की ओर से की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान पर इतना जोरदार हमला किया गया कि उनके एयरफील्ड तक क्षतिग्रस्त हो गए. शायद यही वजह है कि पाकिस्तान युद्धविराम के लिए बेताब था.
12 मई को होने वाली डीजीएमओ की बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. उम्मीद है कि इस बैठक के बाद सीजफायर को लेकर और स्पष्टता आएगी.
#WATCH | Gurugram | On the agreement reached between Pakistan and India, former member of the National Security Advisory Board Tilak Devasher says, ...It was a bilateral understanding, and the conditions are yet to be fixed, and hence, there will be a discussion between DGMOs on… pic.twitter.com/kvbLco37qG
— ANI (@ANI) May 11, 2025
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