मौका मिले तो पाकिस्तान को खत्म कर दूंगा : कर्नल सोफिया के पिता का देशभक्ति से भरा बयान
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पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान में 9 स्थानों पर एयर स्ट्राइक की गई, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारतीय सेना की ब्रीफिंग दी, जिससे हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारतीय सेना की ताकत को दुनिया के सामने रखा। इन दोनों महिला अधिकारियों की प्रेस ब्रीफिंग के बाद से ही पूरे देश में उनकी चर्चा हो रही है।

गुजरात के वडोदरा में कर्नल सोफिया के पिता, ताज मोहम्मद कुरैशी, इस नज़ारे को देखकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सोफिया कुरैशी की जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें बताईं।

ताज मोहम्मद ने अपनी बेटी पर गर्व जताते हुए कहा कि उसने देश के लिए कुछ किया है, जिससे उन्हें बहुत खुशी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद भी बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत होकर उन्होंने कहा कि अगर मौका मिले तो वे पाकिस्तान को जाकर खत्म कर देंगे, क्योंकि वह दुनिया में रहने लायक देश नहीं है।

ताज मोहम्मद ने बताया कि उनके पिता और दादा भी सेना में थे, और यह अब उनके परिवार की परंपरा बन गई है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ देश के बारे में सोचते हैं और उनकी सोच वयम् राष्ट्रे जाग्रयाम की है - हम पहले भारतीय हैं, फिर कुछ और।

कर्नल सोफिया कुरैशी कभी प्रोफेसर बनना चाहती थीं और पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने वाली थीं। लेकिन देशभक्ति के जज्बे ने उन्हें सेना में जाने और सेना की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया।

कर्नल सोफिया कुरैशी के भाई, संजय कुरैशी ने बताया कि उनके दादा और पिता दोनों भारतीय सेना में थे, और अब उनकी बहन सोफिया इस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। सोफिया ने एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा से बायोकेमिस्ट्री में बीएससी और एमएससी किया था और वहीं असिस्टेंट लेक्चरर के तौर पर पढ़ाना भी शुरू कर दिया था।

संजय ने आगे बताया कि सोफिया पीएचडी भी कर रही थीं, लेकिन शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के जरिए सेना में चुने जाने के बाद उन्होंने पढ़ाई और करियर छोड़कर देशसेवा का रास्ता चुना। संजय बताते हैं कि अब अगली पीढ़ी को भी सोफिया प्रेरित कर रही हैं। उनकी बेटी जारा भी अपनी बुआ की तरह सेना में शामिल होने का सपना देख रही है।

गुजरात सरकार के अनुसार, कर्नल सोफिया ने 1997 में मास्टर्स किया और सेना के सिग्नल कोर में शामिल हुईं। 2016 में उन्होंने फोर्स 18 नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य दल की कमान संभाली, ऐसा करने वाली वह पहली महिला अधिकारी बनीं। 2006 में वह संयुक्त राष्ट्र के पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो में भी तैनात रह चुकी हैं।

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