एक ब्रिटिश महिला के जीवन में तब एक अविश्वसनीय मोड़ आया जब स्ट्रोक से उबरने के बाद उसकी आवाज में अप्रत्याशित परिवर्तन हुआ। वह अचानक चीनी लहजे में बोलने लगी, जिसके कारण सभी हैरान रह गए।
यह दुर्लभ चिकित्सा स्थिति फॉरेन एक्सेंट सिंड्रोम कहलाती है। इसमें व्यक्ति की आवाज और उच्चारण किसी विदेशी भाषा के समान प्रतीत होते हैं, भले ही उसने वह भाषा कभी सीखी न हो।
सारा कोलविल ने बताया कि स्ट्रोक के बाद उनकी आवाज में इतना बड़ा बदलाव आया जिसने न केवल उन्हें, बल्कि उनके परिचितों को भी चकित कर दिया। कुछ लोगों ने इस बदलाव को दैवीय मानते हुए उन्हें झाड़-फूंक करवाने की सलाह तक दे डाली।
सारा में यह बदलाव 2010 में आया, जब वे 35 वर्ष की थीं। उनके पारंपरिक डेवन उच्चारण की जगह अचानक एक चीनी लहजा आ गया, जिसके चलते उन्हें नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।
50 वर्ष की हो चुकीं सारा आज भी उसी लहजे में बोलती हैं, जबकि उन्होंने कभी एशिया की यात्रा भी नहीं की है। उन्होंने बताया कि इस स्थिति के कारण उनके परिवार के लोग भी उन्हें अजीब और शर्मनाक कहने लगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रोक के दौरान जब मस्तिष्क के भाषा से जुड़े हिस्सों को नुकसान पहुंचता है, तो व्यक्ति की बोलने की शैली में असामान्य परिवर्तन हो सकता है। मस्तिष्क की सूजन या चोट के कारण आवाज किसी विदेशी भाषा के लहजे जैसी सुनाई देने लगती है।
इस बदलाव का असर महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ा, क्योंकि लोग उन्हें अजीब नजरों से देखने लगे और उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके कारण वे मानसिक तनाव में रहीं।
डॉक्टरों का मानना है कि फॉरेन एक्सेंट सिंड्रोम एक वास्तविक और दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसे सही समझ और संवेदनशीलता की आवश्यकता है। इसके इलाज के साथ-साथ समाज में जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है, ताकि ऐसे लोगों को सहानुभूति और सहयोग मिल सके। यह मामला चिकित्सा जगत के लिए एक बड़ी चुनौती है।
In 2010, a woman named Sarah Colwill from the UK suddenly began speaking with a Chinese accent after suffering a severe migraine, despite never having lived in or been to China. She was diagnosed with Foreign Accent Syndrome, a rare neurological disorder often triggered by brain… pic.twitter.com/TUbNDUuJFt
— Morbid Knowledge (@Morbidful) November 5, 2024
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