भारत ने पानी से तोड़ी पाकिस्तान की कमर, चिनाब के बाद क्या झेलम पर भी बरपेगा कहर?
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भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराना सिंधु जल समझौता अब एक नए मोड़ पर है। जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी, जो पाकिस्तान की ओर बहती है, अब लगभग सूखती नजर आ रही है।

बगलिहार और सालाल डैम के गेट्स को अचानक बंद किए जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। पहले चिनाब नदी तेज बहती थी, लेकिन अब इसमें केवल दो फीट पानी बचा है।

भारत ने यह कड़ा कदम हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया है, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान गई थी। यह स्पष्ट है कि भारत पानी को भी एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में स्थित बगलिहार डैम और जम्मू के रियासी जिले में स्थित सालाल डैम के गेट्स को बंद कर दिया गया है। इसके कारण चिनाब नदी का बहाव पाकिस्तान की ओर काफी कम हो गया है। यह नदी पाकिस्तान की खेती और पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty - IWT) को निलंबित कर दिया है। इस समझौते के तहत चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों का पानी पाकिस्तान को दिया जाता रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले चिनाब नदी का जलस्तर 25 से 30 फीट तक हुआ करता था, लेकिन अब यह घटकर मात्र 1.5 से 2 फीट रह गया है। बगलिहार डैम ऊपर की ओर और सालाल डैम नीचे की ओर स्थित हैं, और दोनों के गेट्स को बंद करने से नदी का बहाव लगभग बंद हो गया है।

भारत को IWT के नियमों के तहत हर साल अगस्त से ऐसे गेट्स बंद करने का अधिकार होता है, लेकिन इस बार यह कदम मई में ही उठा लिया गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत अब इस समझौते को समाप्त करने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहा है।

रियासी के निवासी कल्याण सिंह ने कहा, हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी मिले। हम सेना और प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं।

इस कदम से पाकिस्तान की खेती पर बड़ा असर पड़ सकता है। खासकर पंजाब और सिंध क्षेत्र में पानी की कमी से फसलें सूख सकती हैं और पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

खबर है कि भारत अब झेलम नदी पर स्थित किशनगंगा डैम पर भी इसी तरह की कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। यह डैम पहले भी अंतरराष्ट्रीय विवादों में रहा है, खासकर पाकिस्तान के नीलम नदी पर इसके प्रभाव को लेकर।

सिंधु जल संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, लेकिन हालिया पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने इस समझौते को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह घटनाक्रम भारत की कूटनीतिक नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

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