भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र यह बयान दिया है।
जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को सहयोगी चाहिए, उपदेशक नहीं। उन्होंने उन देशों को भी आड़े हाथों लिया जो कथनी और करनी में अंतर रखते हैं, खासकर वे जो अपने घर में अभ्यास नहीं करते और विदेश में उपदेश देते हैं।
विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों, खासकर यूरोपीय देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मूल्यों और काम करने के तरीके के बीच संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत उन देशों के साथ सहयोग करने का इच्छुक है जो पारस्परिक सहयोग को महत्व देते हैं।
अमेरिका के साथ संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी देश के साथ जुड़ने का आधार दोनों देशों के आपसी हित होने चाहिए, उनके बीच मतभेद नहीं।
रूस के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि जब 2022-23 में भावनाएं प्रबल थीं, तब भारत ने रूस के यथार्थवाद की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संबंध यथार्थवाद के आधार पर बनाए जाने चाहिए।
जयशंकर ने आगे कहा कि कोई भी युद्ध नहीं चाहता, लेकिन समाधान सुझाने में बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
We look for partners, not for preachers , says EAM Dr S Jaishankar https://t.co/2TNWWqnXvt pic.twitter.com/VYTQas1gZy
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 4, 2025
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