पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की निर्मम हत्या के पीछे की भयावह सच्चाई सामने आई है। जांच में पता चला है कि आतंकियों का मुख्य निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।
प्रधानमंत्री कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन करने कश्मीर जाने वाले थे। हालांकि, उनका कार्यक्रम रद्द हो गया, जिससे आतंकी बौखला गए थे।
जांच में यह भी पता चला है कि इस हमले को अंजाम देने के लिए चीनी कंपनी हुवावे के फोन का इस्तेमाल किया गया था, और हथियार पाकिस्तान से तस्करी करके लाए गए थे। ज्ञात हो कि सुरक्षा कारणों से भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने हुवावे को 5G नेटवर्क के लिए उपकरण बेचने की अनुमति नहीं दी है।
खुफिया एजेंसियों ने कश्मीर में 20 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) की पहचान की है। जांच में पाकिस्तानी सेना, ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मिलीभगत का भी पता चला है।
हाशमी मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा नामक दो पाकिस्तानी नागरिक आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। आतंकियों ने अरु घाटी और बेताब घाटी जैसे पर्यटन स्थलों की भी रेकी की थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण उन्होंने बैसरन घाटी को चुना।
इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब तक 2800 लोगों से पूछताछ कर चुकी है और 180 से अधिक लोग हिरासत में हैं। इनमें से अधिकतर जमात-ए-इस्लामी व हुर्रियत के विभिन्न समूहों से जुड़े हुए हैं। पहलगाम आने-जाने वाले रास्तों के CCTV फुटेज की भी जांच की जा रही है।
पाकिस्तान को भारत द्वारा जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है, क्योंकि उसे सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की यादें अभी भी ताजा हैं।
श्रीनगर में आतंकी हमले की आशंका: मिले थे ख़ुफ़िया इनपुट्स
12 अप्रैल को ही खुफिया एजेंसियों को श्रीनगर में संभावित आतंकी हमले के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। इसमें आशंका जताई गई थी कि आतंकी होटलों में ठहरे पर्यटकों को निशाना बना सकते हैं। इसी सूचना के आधार पर ज़बरवान घाटी, डल झील और श्रीनगर स्थित मुगल गार्डन की सुरक्षा बढ़ाई गई थी। हमले से पहले DGP सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इलाके में कैंप करके खुद निगरानी की थी।
हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये इंटेलिजेंस इनपुट्स उतने पुख्ता नहीं थे।
एक स्थानीय दुकानदार भी शक के घेरे में
पहलगाम में हुए आतंकी हमले से 15 दिन पहले एक शख्स ने वहां एक दुकान खोली थी, लेकिन हमले वाले दिन उसने अपनी दुकान बंद रखी थी। NIA अब उससे पूछताछ कर रही है और उसके फोन कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है। फोटोग्राफरों, घोड़े वालों और दुकानदारों सहित कई स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई है।
जांच एजेंसियों को शक है कि अगस्त 2023 में कुलगाम में 3 जवानों की हत्या करने वाले समूह ने ही पहलगाम में भी खून बहाया है और मई 2024 में जम्मू के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में भी यही समूह शामिल था, जिसमें वायुसेना के एक जवान की हत्या कर दी गई थी। पहले हुए आतंकी हमलों की डिटेल्स फिर से जाँची जा रही हैं।
*Pahalgam Terrorist Attack : घाटी में कश्मीरी पंडितों का पलायन रिटन्र्स !#PahalgamTerroristAttack #KashmirTerroristAttack #KashmirFiles pic.twitter.com/7V0ycQ5Aso
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) May 4, 2025
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