सिलसिलेवार बैठकों में रची गई आतंक पर प्रहार की रणनीति! सेना को खुली छूट, पीएम से मिले भागवत
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पहलगाम आतंकवादी हमले के दोषियों और सरगनाओं को सजा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को खुली छूट दे दी है।

मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने तीन सेना प्रमुखों, सीडीएस, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है।

आतंक पर कब, कैसे और किस तरीके से करारा प्रहार करना है, यह सेना तय करेगी। सेना को आतंक का खात्मा करने की पूरी छूट दे दी गई है।

इस अहम बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह भी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे। माना जा रहा है कि गृह मंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा और तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

इन दो बैठकों के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत प्रधानमंत्री मोदी से मिलने उनके सरकारी आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग, पहुंचे।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने सशस्त्र बलों की क्षमता में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया।

एक सूत्र के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय के बारे में फैसला लेने की पूरी अभियानगत छूट है।

इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए। यह बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर विचार किए जाने के बीच हुई।

22 अप्रैल को पहलगाम के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके आकाओं का पृथ्वी के अंतिम छोर तक पीछा करने और उन्हें उनकी कल्पना से परे कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है।

पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर पिछले कई वर्षों में हुआ सबसे घातक हमला है, जिसे लेकर पूरे देश में आक्रोश है और हमलावरों तथा उनके आकाओं के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही है।

प्रधानमंत्री की कठोर टिप्पणियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी सरकार के कड़े रुख के कारण भारत की ओर से करारी जवाबी कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

2016 में उरी में सेना के जवानों पर आतंकवादी हमले के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला किया था।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है।

सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।

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