14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने अपनी क्रिकेट यात्रा के संघर्षों की कहानी बयां की है। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां केवल 3 घंटे सोती थीं और पिता ने उनका क्रिकेट का सपना पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी थी।
परिवार मुश्किल हालातों में गुजारा करता था, लेकिन वैभव के क्रिकेटर बनने के सपने को उन्होंने हमेशा जिंदा रखा। आज, उनकी मेहनत और परिवार के बलिदान ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
वैभव ने एक इंटरव्यू में अपनी ऐतिहासिक पारी, संघर्ष, परिवार के समर्थन और भविष्य के लक्ष्यों के बारे में बात की।
वैभव ने कहा, मैं जो कुछ भी हूं, अपने माता-पिता की वजह से हूं। मेरी प्रैक्टिस के लिए मां रात 2 बजे उठती थीं। वो रात 11 बजे सोती थीं और सिर्फ 3 घंटे सोती थीं। फिर मेरे लिए खाना बनाती थीं।
पापा ने काम छोड़ दिया, मेरा बड़ा भाई उनका काम संभाल रहा है और उसी से घर चल रहा है। और पापा मेरे पीछे लगे हुए हैं कि तुम करेगा, तुम करेगा, तुम करेगा... भगवान देखते हैं कि मेहनत करने वाले को कभी असफलता नहीं मिलती है।
यह कहना है 14 साल के वैभव सूर्यवंशी का, जिन्होंने 28 अप्रैल को हुए आईपीएल मुकाबले में गुजरात टाइटन्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए महज 35 गेंदों पर शतक जड़कर कई रिकॉर्ड अपने नाम किए।
वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी बेटे के रिकॉर्डतोड़ शतक पर भावुक हो गए।
वैभव ने आईपीएल से बात करते हुए अपनी ऐतिहासिक पारी के बारे में बात की। उन्होंने कहा, मैं बहुत दिनों से इस पारी की तैयारी कर रहा था। और आज रिजल्ट मिला तो अच्छा लगा, आगे और अच्छा करने की कोशिश करूंगा। टीम के लिए कंट्रीब्यूट करना चाहता हूं।
इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता के संघर्ष को याद किया।
वैभव ने राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल्स की कहानी भी बताई। उन्होंने कहा, जब मैं ट्रायल में गया था तो वहां विक्रम (राठौड़) सर और रोमी (भिंडर) सर थे। रोमी सर टीम के मैनेजर हैं। मैंने तब ट्रायल में अच्छी बल्लेबाजी की थी। तब उन्होंने बोला था कि हम तुम्हें अपनी टीम में लेने का ट्राय करेंगे। मैं जब टीम में आया तो सबसे पहले उनका कॉल आया था। उन्होंने मुझे बधाई दी थी और फिर उन्होंने राहुल (द्रविड़) सर से बात करवाई थी। काफी अच्छी फीलिंग थी। क्योंकि राहुल सर के अंडर ट्रेनिंग करना, काम करना... खेलना, एक नॉर्मल क्रिकेटर के लिए ड्रीम से कम नहीं है।
वैभव ने कहा कि उन्हें सीनियर्स से काफी सपोर्ट मिलता है। कोचिंग स्टाफ से भी मदद मिलती है। संजू भैया, रियान भैया, यशस्वी भैया, नीतीश भैया भी मदद को तैयार रहते हैं। ये सभी मुझसे पॉजिटिव बातें करते हैं।
वैभव ने कहा कि पहली गेंद पर छक्का मारना उनके लिए नॉर्मल था, क्योंकि वो यह सब अंडर 19 टीम इंडिया के लिए और डोमेस्टिक मैचों में ऐसा कर चुके थे।
वैभव ने कहा, मुझे एक चीज मालूम थी कि अगर मेरे रडार में गेंद आएगी तो मैं मारुंगा। मैंने दिमाग में यह नहीं सोचा था कि यह बड़ा बॉलर है। अभी मुझे इंडिया के लिए कंट्रीब्यूट करना चाहता हूं, खेलना चाहता हूं, तो उसी हिसाब से तैयारी करनी है। मैं ज्यादा नहीं सोचता हूं।
35 गेंदों पर शतक जड़ने वाले वैभव ने अपनी पारी में 11 छक्के लगाए और 7 चौके मारे। वो प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे। मैच के बाद उन्होंने कहा, बहुत अच्छा लग रहा है। यह आईपीएल में मेरा पहला शतक है और मेरी तीसरी पारी थी। टूर्नामेंट से पहले जो प्रैक्टिस की थी, उसका अब अच्छा नतीजा मिल रहा है।
*𝙏𝙖𝙡𝙚𝙣𝙩 𝙢𝙚𝙚𝙩𝙨 𝙊𝙥𝙥𝙤𝙧𝙩𝙪𝙣𝙞𝙩𝙮 🤗
— IndianPremierLeague (@IPL) April 29, 2025
He announced his arrival to the big stage in grand fashion 💯
It’s time to hear from the 14-year old 𝗩𝗮𝗶𝗯𝗵𝗮𝘃 𝗦𝘂𝗿𝘆𝗮𝘃𝗮𝗻𝘀𝗵𝗶 ✨
Full Interview 🎥🔽 -By @mihirlee_58 | #TATAIPL | #RRvGT https://t.co/x6WWoPu3u5 pic.twitter.com/8lFXBm70U2
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