ब्रायन लारा जैसी शैली, क्रिस गेल जैसा खौफ: वैभव ने 36 साल पुराना रिकॉर्ड खतरे में डाला!
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बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस के खिलाफ शतक लगाकर तहलका मचा दिया है. चारों तरफ उनकी ही चर्चा हो रही है.

राजस्थान रॉयल्स के इस 14 वर्षीय खिलाड़ी ने गुजरात के दिग्गज गेंदबाजों की जमकर कुटाई की. इशांत शर्मा, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज और राशिद खान, उन्होंने यह नहीं देखा कि सामने कौन-कौन गेंदबाज है. वैभव ने सबकी गेंदों पर जोरदार अंदाज में रन बनाए. उनकी इस पारी ने दिग्गज क्रिकेटरों को प्रभावित किया है.

वैभव ने इशांत के एक ओवर में तीन छक्के और दो चौके मारकर सनसनी मचा दी. इसके बाद तो वह नहीं रुके और आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए. उन्होंने 35 गेंदों पर सैकड़ा ठोक दिया.

यूसुफ पठान ने 2010 में राजस्थान रॉयल्स के लिए ही 37 गेंद पर शतक जड़ा था. वैभव उनसे आगे निकल गए. हालांकि, वह क्रिस गेल के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाए. वेस्टइंडीज का यह धाकड़ बल्लेबाज 30 बॉल में सैकड़ा लगा चुका है.

वैभव ने 38 गेंदों का सामना किया और 101 रन बनाए. उन्होंने अपनी पारी में 7 चौके और 11 छक्के लगाए. वैभव का स्ट्राइक रेट 265.79 का रहा. उनकी पारी की बदौलत राजस्थान को सीजन में तीसरी जीत मिली.

वैभव वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा को अपना आदर्श मानते हैं. लारा भी बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. कई क्रिकेट एक्सपर्ट को लगता है कि वैभव की बैटिंग में उनकी झलक दिखती है. उनके कुछ-कुछ शॉट्स लारा की तरह नजर आते हैं. वैभव ने जिस तरह जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में बैटिंग की है, वह वेस्टइंडीज के ही क्रिस गेल की तरह थी. गेल इसी अंदाज में बेरहमी से गेंदबाजों की कुटाई करते हैं. उनकी पारी में भी चौके से ज्यादा छक्के होते हैं.

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने वैभव की जमकर तारीफ की और उनके लिए एक्स पर स्पेशल मैसेज लिखा. सचिन ने लिखा, वैभव का निडर दृष्टिकोण, बल्ले की गति, शुरुआत में ही लेंथ को पहचानना और गेंद के पीछे ऊर्जा का हस्तांतरण करना एक शानदार पारी का नुस्खा था. अंतिम परिणाम: 38 गेंदों पर 101 रन. बहुत बढ़िया खेला.

वैभव ने 14 की उम्र में आईपीएल डेब्यू किया है. वह जिस तरह बल्लेबाजी कर रहे हैं, उसी तरह अगर धमाका करते रहे तो उन्हें भी सचिन तेंदुलकर की तरह जल्द ही भारत के लिए खेलने का मौका मिल सकता है.

सचिन ने 1989 में भारत के लिए 16 साल की उम्र में पहला इंटरनेशनल मैच खेला था. तेंदुलकर ने 16 साल 205 दिन की आयु में डेब्यू किया था. अगर वैभव इससे पहले भारत के लिए खेलते हैं तो वह 36 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं.

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