किसी में दम है तो बोले... सैनिक का ना कोई धर्म- ना जाति : शहीद जवान के भाई के भाषण से गूंजे जय हिंद के नारे
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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए जवान के भाई का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भाषण में देश भक्ति का जज्बा साफ झलक रहा था, जिसने वहां मौजूद हर शख्स के दिल को झकझोर कर रख दिया।

शहीद जवान जे अली शेख उधमपुर जिले के डूडा बसंतगढ़ इलाके में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में उनके पैतृक गांव में उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी गई।

शहीद जवान के भाई रफीकुल शेख, जो खुद भी भारतीय सेना में सूबेदार हैं, ने भाई को सुपुर्द-ए-खाक करने के बाद कहा कि आतंकवादियों ने झंटू अली पर पीछे से हमला किया था।

उन्होंने कहा कि अब उनका मकसद भाई की शहादत का बदला लेना है, और वे या तो बदला लेंगे या अपनी जान दे देंगे। रफीकुल ने स्थानीय लोगों से झंटू अली के दो छोटे बच्चों के भविष्य की देखभाल में मदद करने की अपील भी की।

भाई के बलिदान पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा कि दुख बहुत बड़ा है, लेकिन लाखों में से कुछ गिने-चुने लोगों को ही देश के लिए जान देने का मौका मिलता है। झंटू अली न केवल उनके परिवार का, बल्कि पूरे नादिया जिले और बंगाल का भी गौरव बन गए हैं। उनकी यह शहादत हमेशा याद की जाएगी।

भाई के जनाजे पर रफीकुल ने जोर देकर कहा, हम सैनिक हैं, सैनिकों का कोई धर्म नहीं होता और न ही कोई जाति। किसी में अगर दम है तो बोल दे कि भारतीय सेना हिंदू या मुस्लिम है। सेना में कोई भेदभाव नहीं है। भारतीय सेना का कोई धर्म नहीं है। हम एक ही कटोरे में खाते-पीते हैं। भारतीय सेना एक ऐसी जगह है जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध एक ही थाली में खाते हैं और सभी को एक ही बर्तन में खाना बांटा जाता है। अगर किसी को भाईचारा देखना है तो फौज में जाकर देखो। तब पता चलेगा कि भाईचारा क्या होता है।

अपने भाई के पदचिन्हों पर चलने की इच्छा जाहिर करते हुए सूबेदार रफीकुल ने कहा कि वे अपने भाई के बेटे और बेटी को सेना में भेजने का प्रयास करेंगे। उनके लिए पहले देश है और फिर परिवार।

सूबेदार रफीकुल ने अन्य लोगों को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अपने देश और उसकी सेना से प्यार करो।

उन्होंने कहा कि उनके भाई को सूचना मिली थी कि वादियों में दुश्मन छिपे हुए हैं और वह हिंदू भाइयों की मौत का बदला लेने के लिए एक छोटी सी टुकड़ी लेकर निकल पड़े थे।

उल्लेखनीय है कि झंटू अली शेख इंडियन आर्मी के 6 पैरा स्पेशल फोर्स में हवलदार के पद पर तैनात थे। आगरा में उन्होंने पैरा कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की थी। उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स में थी।

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