पहलगाम हमले पर एकजुट विपक्ष, सरकार से पूछे तीखे सवाल
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पहलगाम हमले के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद में एक सर्वदलीय बैठक 24 अप्रैल को आयोजित की गई. लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए.

सूत्रों के अनुसार, सरकार ने बैठक में स्वीकार किया कि सुरक्षा में कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसकी जांच की जानी चाहिए.

गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में कहा, अगर सब कुछ सही है, तो हम यहां क्यों बैठे हैं? जाहिर है, कुछ गलत हुआ है. हम विपक्ष को अपने द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताना चाहते हैं और उन्हें आश्वासन देना चाहते हैं.

विपक्षी दलों ने इस दौरान कई सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि हमले के बाद मदद पहुंचने में इतना समय क्यों लगा?

सरकार ने इस सवाल के जवाब में कहा कि घटनास्थल तक पहुंचने के लिए 45 मिनट पैदल चलना पड़ता है, इसलिए समय लगा. उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) नहीं थी.

विपक्ष ने यह भी पूछा कि सुरक्षा बल कहां थे और CRPF की तैनाती क्यों नहीं थी?

सरकार ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्रों को खोलने से पहले सूचित नहीं किया था, जबकि ऐसा किया जाना चाहिए था. स्थानीय पुलिस को भी जानकारी नहीं थी. सरकार के अनुसार, यह क्षेत्र आमतौर पर अमरनाथ यात्रा के दौरान जून में खुलता है, लेकिन स्थानीय टूर ऑपरेटरों ने इसे पहले ही खोल दिया था.

बैठक में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, सभी दलों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की है. विपक्ष सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन देता है. राहुल गांधी 25 अप्रैल को कश्मीर के अनंतनाग जाएंगे और हमले में घायल हुए लोगों से मिलेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के प्रयासों पर जोर दिया.

टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि बैठक में सुरक्षा चूक पर चर्चा हुई और उन्होंने सरकार को आश्वासन दिया कि देश के हित में सरकार जो भी फैसला लेगी, सभी राजनीतिक दल उसके साथ खड़े रहेंगे.

AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि पूरा देश गुस्से में है और चाहता है कि केंद्र सरकार आतंकवादियों को उनकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने निर्दोष लोगों को मारा है, उनके कैंपों को नष्ट किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए. संजय सिंह ने यह भी जानकारी दी कि 20 अप्रैल को बिना सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के उस जगह को खोल दिया गया था, जबकि घटना 22 अप्रैल को हुई. उन्होंने मांग की कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.

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