सर्वदलीय बैठक में अनदेखी से नाराज़ ओवैसी, गृह मंत्री का आया फ़ोन, बोले- देर हो रही है, तुरंत आइए!
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असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM प्रमुख, सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर नाराज़ दिखे। यह बैठक पहलगाम आतंकी हमले पर बुलाई गई थी।

ओवैसी ने बताया कि उन्होंने कल रात केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से इस मुद्दे पर बात की थी। रिजिजू ने कहा कि वे केवल उन पार्टियों को आमंत्रित करने पर विचार कर रहे हैं जिनके पास 5 या 10 सांसद हैं।

ओवैसी ने सवाल किया कि कम सांसदों वाली पार्टियों को क्यों नहीं बुलाया जा रहा? रिजिजू ने जवाब दिया कि इससे बैठक बहुत लंबी हो जाएगी। ओवैसी ने जब अपनी स्थिति पूछी, तो रिजिजू ने हल्के अंदाज़ में कहा कि आपकी आवाज़ तो वैसे भी बहुत तेज है।

ओवैसी ने स्पष्ट किया कि यह बैठक केवल बीजेपी या किसी एक पार्टी की नहीं है, बल्कि यह एक सर्वदलीय बैठक है। इसका उद्देश्य आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ एकजुटता का मजबूत संदेश देना है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी सभी राजनीतिक दलों की बात सुनने के लिए एक अतिरिक्त घंटा नहीं दे सकते, जबकि उनकी अपनी पार्टी के पास भी अकेला बहुमत नहीं है?

ओवैसी ने कहा कि चाहे किसी पार्टी के पास एक सांसद हो या सौ, सभी भारत के नागरिकों द्वारा चुने गए हैं, और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सभी की आवाज सुनी जानी चाहिए।

उन्होंने पीएम मोदी से इस बैठक को एक वास्तविक सर्वदलीय बैठक के रूप में आयोजित करने का अनुरोध किया, जिसमें संसद में उपस्थित सभी दलों के सांसदों को आमंत्रित किया जाए।

इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि सर्वदलीय बैठक का आयोजन राष्ट्रीय महत्व का है। गृह मंत्री ने उन्हें फोन कर बुलाया है, और वे जल्द ही दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए टिकट बुक करेंगे।

ओवैसी ने कहा कि यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों की आवाज सुनने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बुधवार को यह निर्णय लिया गया कि सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक आयोजित की जाएगी। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से बातचीत की।

जब देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा होता है, तो सरकार सभी राजनीतिक दलों को एकत्रित कर चर्चा करती है। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है, जैसे 2019 में पुलवामा हमले के बाद और 2020 में भारत-चीन के बीच तनाव के दौरान।

इन बैठकों का उद्देश्य देश की एकता को प्रदर्शित करना और सभी नेताओं को मिलकर समाधान पर विचार करने का अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही, विपक्ष को भी सरकार से सवाल पूछने और आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलता है।

भारत ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश भेजा है। बुधवार को, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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