मोमो प्रेमियों के आंसुओं का कारण? तमिलनाडु में अंडे वाली मेयोनीज पर लगा बैन!
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तमिलनाडु सरकार ने कच्चे अंडों से बनी मेयोनेज़ के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह फैसला 8 अप्रैल, 2025 से लागू हो चुका है और एक साल तक प्रभावी रहेगा।

सरकार का कहना है कि यह कदम लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उठाया गया है। राज्य के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन आयुक्त ने मेयोनेज़ को उच्च जोखिम वाला खाद्य पदार्थ करार दिया है।

कच्चे अंडों से बनी मेयोनेज़ में साल्मोनेला बैक्टीरिया (साल्मोनेला टाइफीम्यूरियम और साल्मोनेला एंटरिटिडिस), ई कोलाई और लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाते हैं।

यह प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30(2)(a) के तहत लगाया गया है, जो आयुक्त को जन स्वास्थ्य के हित में किसी भी खाद्य पदार्थ पर रोक लगाने का अधिकार देता है।

मेयोनेज़, जो आमतौर पर अंडे की जर्दी, वनस्पति तेल, सिरका और मसालों से बना होता है, शवर्मा जैसे फास्ट फूड के साथ काफी लोकप्रिय है। तमिलनाडु में कई छोटे-बड़े स्टॉल और रेस्तरां इसकी मलाईदार बनावट के लिए कच्चे अंडों का इस्तेमाल करते हैं।

सरकार का कहना है कि मेयोनेज़ तैयार करने के लिए कच्चे अंडों का उपयोग करने वाले खाद्य व्यवसायियों के उत्पाद में कई तरह के पैथोजन पाए जाते हैं। आमतौर पर ये खाना पकाने की प्रक्रिया में बेअसर हो जाते हैं, लेकिन मेयोनेज़ में इनका खतरा बना रहता है।

अधिसूचना में कहा गया है कि कच्चे अंडे से बना मेयोनेज़ एक उच्च जोखिम वाला भोजन है क्योंकि इससे फूड पॉइजनिंग का खतरा होता है। अनुचित तैयारी और भंडारण सुविधाओं के कारण इसमें सूक्ष्म जीवों के होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्म जलवायु में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जिससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है।

यह पहला मौका नहीं है जब किसी राज्य ने मेयोनेज को लेकर ऐसे कदम उठाए हैं। इससे पहले केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए थे। केरल ने 2023 में एक नर्स की मृत्यु और कई छात्रों के बीमार होने के बाद यह निर्णय लिया था। वहीं, तेलंगाना ने 2024 में एक महिला की मृत्यु और अन्य लोगों के बीमार होने के बाद कच्चे अंडों से बनी मेयोनेज़ पर प्रतिबंध लगाया था।

साल्मोनेला और ई कोलाई बैक्टीरिया गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। साल्मोनेला संक्रमण के लक्षणों में पानी जैसा दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन शामिल हैं। ई कोलाई बैक्टीरिया आंत, पेशाब मार्ग और शरीर के अन्य भागों में संक्रमण पैदा कर सकते हैं।

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