महाराष्ट्र के पुणे शहर से 500 से अधिक पर्यटक जम्मू-कश्मीर में फंसे हुए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण ये पर्यटक राज्य वापस लौटना चाहते हैं।
पुणे जिला प्रशासन ने बताया कि विशेष उड़ानों के जरिए 182 पर्यटकों को आज वापस लाया जाएगा। बाकी पर्यटकों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास भी जारी हैं।
पुणे की एक ऊर्जा फर्म के कॉस्ट अकाउंटेंट गिरीश नाइकवाड़ी ने बताया कि उनका 14 सदस्यों का दल श्रीनगर में फंसा है। उन्होंने अपनी यात्रा समाप्त करने और जल्द से जल्द पुणे लौटने का फैसला किया है। उनके साथ छोटे बच्चे भी हैं।
नाइकवाड़ी ने बताया कि जब पहलगाम में हमला हुआ, तब उनका समूह श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर गुलमर्ग में था। बुधवार को वे किसी तरह श्रीनगर पहुंच गए। उनकी योजना 25 अप्रैल को अमृतसर जाने की थी, लेकिन घटना के बाद समूह में कोई भी यात्रा पर जाने के पक्ष में नहीं है। उन्हें श्रीनगर में होटल में ठहरने की व्यवस्था बुधवार तक ही मिल सकी।
एक अन्य पर्यटक, हर्षल पंडित, जो पुणे में नशा मुक्ति केंद्र चलाते हैं, ने कहा कि वे और उनका परिवार बृहस्पतिवार को पुणे लौटेंगे। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में स्थिति तनावपूर्ण है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। उन्होंने बुधवार को पहलगाम जाने की योजना बनाई थी, लेकिन हमले के बाद इसे रद्द करना पड़ा।
सेवानिवृत पेशेवर यशवंत रानावरे ने बताया कि जब पहलगाम में हमला हुआ, तब वह और उनका परिवार वहां जा रहे थे। बायसरन घाटी के पास पहुंचने पर वहां से आने वाले ड्राइवरों ने कुछ गड़बड़ी का संकेत दिया। इसके बाद वे अपने होटल लौट आए। उन्होंने अभी तक वापस लौटने का फैसला नहीं किया है और स्थिति के आधार पर निर्णय लेंगे।
पुणे स्थित गैर सरकारी संगठन सरहद जम्मू-कश्मीर में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए अपने संसाधन जुटाने में लगा है। सरहद के संस्थापक संजय नाहर ने कहा कि उनके स्वयंसेवक फंसे हुए आगंतुकों को रहने और रसद में मदद कर रहे हैं।
केंद्रीय नागरिक उड्डन राज्य मंत्री और पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने बताया कि बृहस्पतिवार को विशेष उड़ानों से 182 पर्यटकों को महाराष्ट्र वापस लाया जाएगा।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जम्मू-कश्मीर में फंसे राज्य के पर्यटकों को वापस लाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बुधवार को श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने पर्यटकों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
*Maharashtra Deputy CM Eknath Shinde posts on X : I met many of our stranded tourists—tired, anxious, but resilient. It was heartening to see their spirits lift just by knowing that their government is with them, on the ground. I’m here not just as Deputy CM, but as a fellow… pic.twitter.com/Bzt7jUt3Ik
— ANI (@ANI) April 23, 2025
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