रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद, राहुल गाँधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने उन्हें दलित बताकर इस घटना को हत्या करार देने का प्रयास किया था।
अब, राहुल गाँधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर कर्नाटक में रोहित वेमुला एक्ट नामक कानून बनाने का आग्रह किया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है। राहुल ने अपने पत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ हुए भेदभाव का भी उल्लेख किया है।
राहुल गाँधी ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर को उद्धृत करते हुए लिखा कि कैसे उन्हें भोजन होते हुए भी भूखा सोना पड़ता था क्योंकि वे अछूत थे। उन्होंने कहा कि सिद्दारमैया इस बात से सहमत होंगे कि अंबेडकर ने जो झेला वह भारत के किसी भी बच्चे को नहीं झेलना चाहिए। राहुल के अनुसार, यह शर्म की बात है कि आज भी जनजातीय, दलित और ओबीसी समुदायों के लाखों छात्रों को शिक्षा प्रणाली में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
रोहित वेमुला की बात करते हुए, राहुल ने कहा कि रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे प्रतिभाशाली युवाओं की हत्या स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कर्नाटक सरकार से रोहित वेमुला अधिनियम लागू करने का आग्रह किया ताकि कोई भी बच्चा वह न सहे जो डॉ. बी.आर. अंबेडकर, रोहित वेमुला और लाखों अन्य लोगों ने सहा।
गौरतलब है कि 17 जनवरी, 2016 को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में पीएचडी छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी। उस समय कई लोगों ने इसे जातिगत भेदभाव का परिणाम बताया था।
हालांकि, पिछले साल 3 मई को तेलंगाना पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट को एक क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि रोहित दलित नहीं थे। रिपोर्ट के अनुसार, रोहित ने अपनी असली जाति के उजागर होने के डर से आत्महत्या की थी।
19 अप्रैल, 2025 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राहुल गाँधी को X पर लिखकर बताया कि उन्होंने रोहित वेमुला एक्ट के लिए ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे भी राहुल की भावनाओं से सहमत हैं और दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए कदम बढ़ाएंगे।
रोहित की मौत के बाद, राहुल गाँधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने उन्हें दलित विद्यार्थी का चेहरा देकर उनकी आत्महत्या को हत्या बताने की कोशिश की। प्रशासन की रिपोर्ट ने विपक्ष के इस झूठ को उजागर कर दिया है। सच्चाई को उजागर करने में किसी की दिलचस्पी नहीं थी, बल्कि इसे राजनीतिक अवसर के रूप में देखा गया। रोहित वेमुला की मौत को वोटों की ख़ातिर दलितों और गैर-दलितों को बाँटने वाले राजनीतिक मुद्दे में बदल दिया गया।
Thank you Shri @RahulGandhi for your compassionate letter and unwavering voice for justice.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 19, 2025
I have directed my legal team to begin drafting the Rohith Vemula Act in Karnataka to ensure no student ever faces discrimination or exclusion in the name of caste, class or identity.… https://t.co/XsmtXW7NDF pic.twitter.com/m8rYbfmHxi
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