रामबन में तबाही: राहत कार्य जारी, राजमार्ग खुलने की उम्मीद, दुकानदार बेहाल
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जम्मू-कश्मीर में बादल फटने, ओलावृष्टि, तूफान और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. रामबन में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. खराब मौसम के कारण रविवार को राहत कार्य रोकना पड़ा था, लेकिन आज फिर से शुरू कर दिया गया है.

सेना जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को खोलने की कोशिश कर रही है. भूस्खलन और बाढ़ से लोगों की संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है.

रामबन के एक निवासी ने कहा, मैं दूसरी तरफ रहता हूँ, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि मैं समय पर नहीं पहुँच पाया. जब मैं यहाँ पहुँचा तो देखा कि मेरी दुकान सहित पूरा बाजार बह चुका था. ऐसी तबाही मैंने पहली बार देखी है.

रामबन के दुकानदार रवि कुमार ने बताया कि उनकी यहाँ दो दुकानें थीं, दोनों कहीं नजर नहीं आ रही हैं. उन्होंने सरकार से ऋण माफ करने की अपील की है. हमें नहीं पता कि मदद के लिए किसके पास जाया जाए. ये दुकानें ही हमारी आजीविका का साधन थीं. अब हमारे पास कोई दुकान और जमीन नहीं है. यहाँ बहुत ही भयावह मंजर है. अब हमारे पास कुछ नहीं बचा है.

लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं, जिसके कारण यातायात रोक दिया गया है. सैकड़ों वाहन इस मार्ग पर फंसे हुए हैं. यह 250 किलोमीटर लंबा राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है.

सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान अकीब अहमद (12), मोहम्मद साकिब (10) और मुनिराम (65) के रूप में हुई है. अचानक आई बाढ़ में सड़कें बह जाने के कारण कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं. एक जलधारा के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए.

पिछले दो दिनों में जम्मू क्षेत्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य महिला घायल हो गई थी. धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से 10 पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. पुलिस ने 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाया और उन्हें सरकारी स्कूल में आश्रय दिया गया है.

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जा रही है. सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और बचाव दल तेजी से राहत पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं. उपायुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी और लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा.

पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), नागरिक स्वयंसेवक, सेना और अन्य विभागों तथा एजेंसियों की टीम प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और बहाली कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं. रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा कि प्रशासन बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा प्रभावित लोगों की सुरक्षा और हित सुनिश्चित करने के लिए सरकारी निर्देशों का तत्परता से क्रियान्वयन कर रहा है. खराब मौसम के मद्देनजर 21 अप्रैल को जिले में सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे.

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