भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट देश में धार्मिक युद्ध भड़काने का जिम्मेदार है।
दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर संसद की संप्रभुता को कमजोर करने और अपनी सीमा से बाहर जाकर कानून बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है, तो संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए।
दुबे ने सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट भारत के राष्ट्रपति को निर्देश कैसे दे सकता है, जबकि राष्ट्रपति तो खुद भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद इस देश के लिए कानून बनाती है, तो सुप्रीम कोर्ट ने नया कानून कैसे बना दिया?
उन्होंने पूछा कि किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला करना है? दुबे ने आगे कहा कि इस तरह सुप्रीम कोर्ट देश को अराजकता की ओर ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब संसद बैठेगी तो इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होगी।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया था। यह फैसला तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामले में आया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल आर.एन. रवि के विधेयकों पर देरी को असंवैधानिक ठहराया था।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर अंतरिम आदेश जारी किया था और केंद्र सरकार को इस कानून के कुछ प्रावधानों पर नोटिस जारी किया था। यह कानून संसद द्वारा पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता में सुधार करना था।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामले में दिए गए निर्देश को न्यायिक अतिक्रमण करार दिया था। धनखड़ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के पास संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है, लेकिन वह कार्यपालिका या विधायिका की भूमिका नहीं निभा सकता। उन्होंने अनुच्छेद 142 को न्यायपालिका के लिए 24x7 उपलब्ध परमाणु मिसाइल करार देते हुए इसकी असीमित शक्ति पर चिंता जताई थी।
#WATCH दिल्ली: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं। संसद इस देश का कानून बनाती है...आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला… https://t.co/YPMvUfCBCz pic.twitter.com/gsmg453maY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2025
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