दिल्ली में अमर उजाला संवाद 2025 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव उस समय आपा खो बैठे, जब राणा सांगा से जुड़ा एक सवाल पूछा गया।
अखिलेश यादव, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं, सवाल सुनते ही गुस्से में आ गए और आयोजकों से उस व्यक्ति को ऑडिटोरियम से बाहर निकालने को कह दिया।
वायरल वीडियो में अखिलेश यादव को कहते सुना जा सकता है, ये आदमी बीजेपी का है.....निकल बाहर कर दूंगा मैं इसको। ऐ निकला भरा कर देंगे तुम्हें, झगड़ा हो जाएगा फिर, बताता हूं मैं।
कॉन्क्लेव में अखिलेश यादव वक्ता के तौर पर आमंत्रित थे। एक श्रोता द्वारा राणा सांगा से जुड़ा सवाल उठाने पर उन्होंने मंच से ही आयोजकों को कहा कि इसे बाहर निकालो, ये भाजपा का आदमी है।
हालाँकि, जब सुरक्षाकर्मियों ने उस व्यक्ति को बाहर निकालने की कोशिश की, तो अखिलेश यादव ने हस्तक्षेप करते हुए उसे छोड़ देने को कहा।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोगों ने इसे अखिलेश यादव की असहिष्णुता बताया है, जबकि सपा समर्थकों ने इसे राजनीतिक उकसावे की साजिश करार दिया है।
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ें समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के बीते महीने संसद में दिए बयान में हैं।
सुमन ने कहा था कि राणा सांगा ही वो शख्स थे जिन्होंने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया था। उन्होंने राणा सांगा को देशद्रोही भी कहा था।
सुमन के इस बयान से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भूचाल आ गया था। राजपूत समुदाय, खासकर करणी सेना, ने इस बयान को अपने गौरव पर हमला माना और विरोध किया।
26 मार्च 2025 को रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया, तोड़फोड़ की, और वाहनों को नुकसान पहुंचाया।
विश्लेषकों का मानना है कि अमर उजाला संवाद 2025 में सवाल पूछने वाले व्यक्ति ने इसी विवाद से जुड़ा सवाल उठाया होगा, जिससे अखिलेश यादव भड़क गए।
यह भी आशंका है कि सवाल राजनीतिक रूप से उकसावे वाला था, जिसके कारण अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की साजिश बताकर उस व्यक्ति को बाहर निकालने की बात कही।
सोशल मीडिया पर इस घटना के बाद लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ लोगों ने अखिलेश यादव की भाषा को असंसदीय और लोकतंत्र विरोधी बताया, जबकि कुछ समर्थकों ने उनकी भावनाओं को सही ठहराया।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, इतिहास पर सवाल पूछना अगर झगड़े का कारण है, तो फिर संवाद कैसे संभव होगा?
अमर उजाला संवाद 2025 का उद्देश्य संवाद और विमर्श था, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत की राजनीति में असहमति को स्थान मिल पा रहा है या नहीं?
राणा सांगा से जुड़ा विवाद, रामजी लाल सुमन का बयान और करणी सेना की प्रतिक्रिया पहले ही राजनीति को गरमा चुकी थी। अब अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया ने इस विवाद को और अधिक राजनीतिक रंग दे दिया है।
What Kind of Arrogant and Shameful Conduct is this?
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) April 18, 2025
Akhilesh Yadav gets into verbal spat with audience during Amar Ujala conclave.
Addresses audience with Oy, Aa , Sun .... throw him/them out .... anyone not agreeing is Bhajpai and those supporting are audience!! pic.twitter.com/p4QgyPlhOL
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