नवाजुद्दीन सिद्दीकी बनेंगे कस्टम अफसर, कोस्टाओ का ट्रेलर हुआ रिलीज, क्या है खास?
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बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की आगामी फिल्म कोस्टाओ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक कस्टम अफसर की भूमिका निभा रहे हैं जो 1500 किलो सोने की तस्करी को रोकने की कोशिश करते हैं।

3 मिनट 14 सेकंड के इस ट्रेलर में फिल्म की कहानी का सार दर्शाया गया है। ट्रेलर में पांच ऐसे कारण छिपे हैं जो आपको फिल्म देखने पर मजबूर कर देंगे। कोस्टाओ 1 मई को ZEE5 पर स्ट्रीम होगी।

फिल्म की कहानी दिलचस्प मोड़ों से भरी हुई है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक ऐसे कस्टम अफसर की भूमिका में हैं जो सिस्टम की विफलता को ठीक करने के लिए निडर होकर काम करते हैं। उन्हें दुश्मनों के साथ-साथ सिस्टम से भी लड़ना होता है, क्योंकि सिस्टम में ही कुछ गद्दार मौजूद हैं, जिनकी वजह से उनकी जान खतरे में पड़ जाती है।

कोस्टाओ में सस्पेंस और थ्रिल के साथ-साथ इमोशंस का भी भरपूर समावेश है। एक तरफ कोस्टाओ देश के लिए अपनी ड्यूटी निभा रहा है, तो दूसरी तरफ उसकी फैमिली है। वह अपने काम के लिए फांसी पर लटकने के लिए भी तैयार है, लेकिन अपनी फैमिली के भविष्य को लेकर चिंतित है। फिल्म में उस पर यह आरोप भी लगता है कि उसके लिए उसकी फैमिली महत्वपूर्ण नहीं है। अब देखना यह है कि कोस्टाओ दोनों में से किसे चुनता है।

ट्रेलर में कई आकर्षक डायलॉग्स हैं, जैसे - जो सिस्टम तुझे इतना पॉवर दिया, वहीं सिस्टम तुझे डेथ पेनल्टी देगा। एक और डायलॉग है - कोस्टाओ 24 कैरेट गोल्ड जैसा है, वैल्यू तो बहुत है, पर उसका कुछ हो नहीं सकता। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी का अंदाज और कुछ डायलॉग्स आपको गैंग्स ऑफ वासेपुर की याद दिला सकते हैं।

कोस्टाओ की कहानी एक रियल लाइफ हीरो पर आधारित है। यह एक ऐसे कस्टम अफसर की कहानी है जिसने पूरे क्राइम नेटवर्क को हिलाकर रख दिया था। यह सिर्फ एक लड़ाई नहीं है, बल्कि बलिदान में उकेरी गई विरासत है।

बरेली में वक्फ संपत्ति का मामला

बरेली में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद, एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि सब्जे महमूद अली नामक व्यक्ति के खिलाफ कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा करने और जाली दस्तावेजों का उपयोग करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है।

सब्जे अली ने सरकारी जमीन को कब्रिस्तान बताकर अवैध कब्जा करवाया और फिर सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ में रजिस्ट्री करवा ली। इसके बाद उसने अपने परिवार के सदस्यों को ट्रस्ट का सदस्य बना लिया और खुद प्रबंध समिति का अध्यक्ष बन बैठा। अदालत ने भी इस मामले में अभिलेखों में जालसाजी पाई है।

पुत्तन जुल्फिकार शाह की शिकायत पर सब्जे अली और 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आईपीसी की धाराओं 323, 504, 506, 420, 467, 471, 447 और 120बी के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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