क्या अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थक थे फारूक अब्दुल्ला? पूर्व RAW चीफ के दावे से सियासी तूफान
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला पर एक गंभीर आरोप लगा है. देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व चीफ एएस दुलत ने दावा किया है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने का गुप्त रूप से समर्थन करने की इच्छा जताई थी.

दुलत के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला चाहते थे कि केंद्र सरकार उन्हें विश्वास में ले, लेकिन ऐसा न होने पर वे नाराज थे. इस दावे के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल मच गई है.

एएस दुलत की किताब द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई में यह दावा किया गया है. किताब में कई और खुलासे भी किए गए हैं और यह 18 अप्रैल को विमोचित होने वाली है.

दुलत ने फारूक अब्दुल्ला को कश्मीर में सबसे बड़ा नेता और राष्ट्रवादी बताया है. उन्होंने कहा कि उनसे बड़ा कोई नेता नहीं है और न ही कोई राष्ट्रवादी है.

हालांकि, फारूक अब्दुल्ला ने इन दावों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि दुलत अपनी किताब को प्रचारित करने के लिए सस्ती लोकप्रियता का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह लेखक की महज कल्पना है.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस हमेशा सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार रही है.

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (PC) के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि 4 अगस्त, 2019 को उमर अब्दुल्ला व फारूक अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही.

लोन ने कहा कि दुलत का दावा विश्वसनीय लगता है क्योंकि वे फारूक अब्दुल्ला के करीबी सहयोगी और मित्र हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इन दावों से इनकार करेगी और इसे अपने खिलाफ साजिश बताएगी.

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के संविधान को खत्म करने और उसके बाद विश्वासघात को सामान्य बनाने में मदद करने के लिए संसद के बजाय कश्मीर में रहना चुना.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक और प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि लेखक ने इस किताब को काल्पनिक तौर पर लिखा है और मनगढ़ंत खुलासे से शायद अपनी किताब को मशहूर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि किताब के तथ्य आपस में टकरा रहे हैं. सादिक ने सवाल किया कि अगर दुलत का कहना सही है तो फारूक अब्दुल्ला छूटने के बाद PAGD क्यों बनाते?

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