शाहरुख खान के एयरपोर्ट वीडियो से उठा बवाल, क्या भारत में VIP कल्चर हद से ज़्यादा?
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आज आज़ादी के 78 साल बाद भी भारत में VIP कल्चर की चर्चा आम है। सड़कों से लेकर एयरपोर्ट तक, हर जगह VIP और आम लोगों के लिए अलग-अलग नियम दिखाई देते हैं। VIP के लिए विशेष इंतज़ाम होते हैं, जबकि आम लोग लंबी-लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं।

भारत में 6 लाख से ज़्यादा लोग VIP का दर्जा रखते हैं। VIP कल्चर को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं। हाल ही में, शाहरुख खान का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्हें 15 से ज़्यादा CISF जवान सुरक्षा घेरा बनाकर एयरपोर्ट से ले जा रहे थे। इस वीडियो पर भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि यह वर्दी का अपमान है और जवानों का गलत इस्तेमाल है।

विवाद बढ़ने पर CISF ने सफाई दी है कि शाहरुख खान एक प्रसिद्ध हस्ती हैं और उनके आसपास भीड़ जमा होने की संभावना रहती है, जिससे दूसरों को असुविधा हो सकती है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए CISF की एक टीम तैनात की गई थी।

लेकिन सवाल यह है कि क्या शाहरुख खान को एयरपोर्ट पर इतनी सुरक्षा की ज़रूरत थी? जब एयरपोर्ट सबसे सुरक्षित जगह है, तो उन्हें कैसे परेशानी हो सकती थी?

जिस समय 15 CISF जवान शाहरुख खान को सुरक्षा दे रहे थे, उसी समय हज़ारों आम लोग लाइन में खड़े थे। आम लोगों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है। पूरे पैसे देकर टिकट खरीदने के बावजूद, उन्हें एंट्री से लेकर बोर्डिंग पास लेने और सुरक्षा जांच तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।

यह मामला देश की सोच का है। देश में यह धारणा बन गई है कि जिसकी सुरक्षा जितनी बड़ी होती है, उसे उतना ही बड़ा आदमी माना जाता है।

भारत में VIP की सूची में नौकरशाह, फिल्म स्टार, क्रिकेटर, सैन्य-पुलिस अधिकारी, बिजनेसमैन, जज, रिटायर्ड नौकरशाह और पूर्व विधायक-सांसद शामिल हैं। धर्मगुरुओं से लेकर इंफ्लूएंसर तक VIP सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

दुनिया की महाशक्ति अमेरिका में केवल 252 VIP हैं, जबकि भारत में 6 लाख से ज़्यादा VIP हैं। फ्रांस में 109, जापान में 125, रूस में 312, जर्मनी में 142, ऑस्ट्रेलिया में 205 और चीन में 435 VIP हैं।

भारत में दो तरह के VIP हैं: VIP (Very Important Person) और VVIP (Very Very Important Person)। इन लोगों को X, Y, Y+, Z, Z+ जैसी अलग-अलग सुरक्षा दी जाती है।

देश के VIP को सुरक्षा देना ज़रूरी है, लेकिन VIP कल्चर के खिलाफ एक सख्त मुहिम चलाने की ज़रूरत है, क्योंकि देश के 6 लाख लोग आम लोगों के टैक्स के पैसे पर VIP वाली सुविधा ले रहे हैं।

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