दहेज का दिखावा: बेटी की शादी में पिता ने ससुराल को दिया ऐसा दहेज, देखकर दंग रह गए लोग
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दहेज की परंपरा भारतीय समाज के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है। सरकार द्वारा कई कानून बनाए जाने के बावजूद, यह कुरीति आज भी शादियों में किसी न किसी रूप में मौजूद है। हाल ही में एक वायरल वीडियो ने दहेज की समस्या को नए सिरे से उजागर किया है, जिससे समाज में फिर से बहस छिड़ गई है।

वायरल वीडियो में लड़की के परिवार ने दहेज का सामान इस तरह सजाया है, जैसे कोई शोरूम हो। टेंट के नीचे दहेज की वस्तुओं को एक-एक करके सजाया गया है, और हर वस्तु के साथ एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि वह सामान दूल्हे के किस रिश्तेदार के लिए है। यह दृश्य किसी शादी से ज्यादा फर्नीचर या गिफ्ट शोरूम जैसा लग रहा था।

सास-ससुर, ननद-नंदोई समेत सभी रिश्तेदारों के लिए कार, बाइक, महंगे गहने और अन्य उपहार दिए गए। इस प्रदर्शन ने लोगों को चौंका दिया, क्योंकि यह खुले तौर पर दहेज देने का एक बड़ा प्रदर्शन था।

वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया गया, जिसमें बताया गया कि दहेज सिर्फ दूल्हे को नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार को दिया गया है। वीडियो वायरल होते ही लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ लोग दूल्हे के परिवार को दोषी ठहरा रहे हैं, वहीं अन्य इसे समाज में बढ़ती लालच का उदाहरण मान रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा, ऐसे दिखावे से कई लोगों के मन में लालच पैदा होता है, जो बाद में दूसरों के लिए मुसीबत बन सकता है। कई यूजर्स ने इसे समाज के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि इस तरह के प्रदर्शन से समाज में भ्रामक संदेश जाता है और यह परंपरा भविष्य में और भी जटिल हो सकती है। वहीं कुछ यूजर्स ने इसे समुदाय की बर्बादी और मूल्यों का अपमान बताया।

दहेज की परंपरा से न केवल लड़कियों के परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि यह सामाजिक दबाव भी पैदा करती है। इस वीडियो ने दिखाया कि दहेज का व्यापार अब सिर्फ दूल्हे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरा परिवार इसका हिस्सा बन चुका है। यह कुरीति अब एक सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गई है, जिससे हर कोई जुड़ा हुआ है।

भारत सरकार ने दहेज प्रथा के खिलाफ कई कानून बनाए हैं, लेकिन इसके बावजूद यह प्रथा पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है। एक तरफ जहां कानून दहेज की प्रथा को रोकने के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी तरफ समाज में यह प्रथा एक तरह से आदत बन गई है और लोग इसे एक सामाजिक अनिवार्यता मानते हैं।

समाज में दहेज की परंपरा को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी चीज है मानसिकता में बदलाव। लोगों को यह समझाने की आवश्यकता है कि शादी एक पवित्र बंधन है, जो दो परिवारों के बीच प्रेम और सम्मान पर आधारित होता है, न कि एक व्यापारिक लेन-देन। दहेज की परंपरा समाज में असमानता और अन्याय का कारण बनती है, और यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।

दहेज की परंपरा एक गंभीर सामाजिक समस्या है, और यह वीडियो इसका एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे दहेज को एक सामान की तरह पेश किया जाता है। इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और समाज को इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए। दहेज की कुरीति को खत्म करने के लिए कानूनी कदमों के साथ-साथ समाज में मानसिकता परिवर्तन की आवश्यकता है। केवल तभी हम एक ऐसी दुनिया की कल्पना कर सकते हैं, जहां शादियाँ प्रेम, समानता और समझ पर आधारित हों, न कि भौतिक उपहारों और दबावों पर।

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