यमुना की दुर्दशा से नाराज़ रामभद्राचार्य, मथुरा में रामकथा करने से किया इनकार
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मथुरा के कोटवन में जगद्गुरु रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास जी महाराज का चादर पोशी महोत्सव आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत-महात्मा और कई राजनेता उपस्थित थे।

इस दौरान रामभद्राचार्य ने यमुना की दुर्दशा पर चिंता जाहिर की।

यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से कोटवन में रामकथा करने का आग्रह किया।

रामभद्राचार्य ने तुरंत मना कर दिया।

उन्होंने कहा कि जब तक यमुना साफ नहीं होगी, तब तक वह यहां कथा नहीं करेंगे।

यमुना की हालत पर चिंता जताते हुए उन्होंने कथा के लिए इनकार कर दिया।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्हें यमुना अविरल और निर्मल चाहिए।

उन्होंने मंत्री जी को नसीहत देते हुए कहा कि सिर्फ भाषण देने से काम नहीं चलेगा, अब काम करके दिखाना पड़ेगा।

उनकी बात सुनकर वहां पर मौजूद लोग यमुना मैया की जयकारा लगाने लगे।

रामभद्राचार्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक बहुत अच्छा आयोजन है, और इसे उन्होंने स्वयं आयोजित किया है।

उन्होंने बताया कि वृंदावन के सभी संतों को आमंत्रित किया गया था और पिछले 40-50 वर्षों में वृंदावन में इतना भव्य संत समागम नहीं हुआ है।

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