औरंगजेब, मुग़ल शासकों में अंतिम सबसे प्रभावशाली शासक था। उसके शासन के पांच दशक हिन्दुओं के लिए अंधकार युग के समान थे।
1669 में, काशी स्थित विश्वनाथ मंदिर और मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ध्वस्त करके वहां मस्जिदें खड़ी कर दी गईं। काशी में मंदिर को ध्वस्त कर उसके अवशेषों के ऊपर संरचना खड़ी करके ज्ञानवापी मस्जिद नाम दिया गया।
औरंगजेब ने न केवल मंदिरों, बल्कि कई गुरुकुलों को भी ध्वस्त करवाया क्योंकि वह हिन्दू धर्म के ज्ञान भंडार से खार खाता था।
9 अप्रैल, 1669 को औरंगजेब ने सभी प्रांतों के गवर्नरों को काफिरों के स्कूलों और मंदिरों को ध्वस्त करने और उनकी शिक्षाओं और धार्मिक प्रथाओं को दबाने का फरमान जारी किया था।
औरंगजेब ने स्थानीय बगावतों का इस्तेमाल अपने मजहबी एजेंडे को पूरा करने के लिए किया और राजनीतिक परिस्थितियों को बहाने के रूप में इस्तेमाल कर अपनी कट्टरपंथी कार्रवाइयों को ढँका।
1669 में औरंगजेब ने एक फरमान जारी करके कई मंदिरों और विद्यालयों को ध्वस्त करने का आदेश दिया, खासकर ठट्टा, मुल्तान और वाराणसी में।
1662 में औरंगजेब ने पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को ध्वस्त किए जाने का फरमान जारी किया, लेकिन स्थानीय अधिकारियों को घूस दी गई और मंदिर को बचाने के लिए बंद रखा गया। 1707 में औरंगजेब की मौत के बाद ही दर्शन-पूजन फिर से शुरू हो सका।
मुग़ल कई बड़े मंदिरों और तीर्थस्थलों से पैसे वसूलते थे, यहां तक कि कुंभ जैसे आयोजनों से भी उनकी बड़ी कमाई होती थी।
1724 में भी जगन्नाथ मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया गया था, लेकिन रामचंद्र देव द्वितीय ने इस्लाम अपनाने का नाटक किया और प्रतिमाओं को छिपा दिया गया।
औरंगजेब ने एलोरा के कैलाशा मंदिर को ध्वस्त करने के लिए भी एक फौज लगाई, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण वह सफल नहीं हो पाया।
3 सितंबर, 1667 को औरंगजेब ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर के ध्वस्तीकरण के लिए फरमान जारी किया क्योंकि वहां बड़ी संख्या में हिन्दुओं का जमावड़ा हो रहा था। एक मुगल दस्तावेज के अनुसार, एक ब्राह्मण ने तलवार निकालकर मंदिर की रक्षा करने का प्रयत्न किया था, लेकिन उसे कैद करके पत्थर मार-मार कर सज़ा-ए-मौत दे दी गई।
1706 में औरंगजेब ने सोमनाथ मंदिर को भी ध्वस्त करवाया, हालांकि इस आदेश की पूरी तरह तामील नहीं हुई क्योंकि अगले ही वर्ष उसकी मौत हो गई थी।
औरंगजेब के समय मंदिरों की मरम्मत पर भी प्रतिबंध था। उसका मानना था कि एक मंदिर की तरफ देखना भी इस्लाम में हराम है। उसने गुजरात में हाटकेश्वर मंदिर को भी ध्वस्त करवाया और द्वारकाधीश मंदिर के ध्वस्तीकरण का आदेश भी जारी किया, लेकिन इसपर अमल नहीं करवा सका।
इसके अलावा, औरंगजेब ने हिन्दुओं पर जजिया टैक्स भी लगाया था।
*The Islamic record of Maasir-i-Alamgiri states that on April 9, 1669, Aurangzeb had issued a ‘farman’ decree, “to governors of all the provinces to demolish the schools and temples of the infidels and strongly put down their teachings and religious practices.”
— 𝗔𝗵𝗮𝗺 𝗕𝗿𝗮𝗵𝗺𝗮𝘀𝗺𝗶 (@TheRudra1008) October 18, 2022
[16/N] pic.twitter.com/lBUI7jbc0q
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