मोदी है तो मुमकिन है : 14 साल से वांटेड तहव्वुर राणा भारत पहुंचा, 2011 का पोस्ट वायरल
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26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 14 साल पुराना एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

10 अप्रैल, 2025 को, राणा को दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया।

राणा के भारत आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का 2011 का एक वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहा है, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय, शिकागो की एक अदालत ने राणा को क्लीन चिट दे दी थी, जिसके बाद मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

2011 में मोदी ने कहा था कि शिकागो की अदालत द्वारा तहव्वुर राणा को निर्दोष करार दिए जाने से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली हर शक्ति और सरकार के सामने एक नया सवालिया निशान खड़ा हो गया है। उन्होंने भारत सरकार से तत्काल इस विषय पर प्रतिक्रिया देने और अमेरिका के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की मांग की थी।

उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति जो रवैया है, उसे लेकर भारत को कड़ा कदम उठाना होगा, वरना एक के बाद एक आतंकी विदेश चले जाएंगे और अमेरिका के कोर्ट में केस चलेगा और उन्हें वहां से निर्दोष छोड़ दिया जाएगा।

मोदी ने तब ट्वीट किया था, मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करने से अमेरिका ने भारत की संप्रभुता को ठेस पहुंचाई है और यह हमारी विदेश नीति की बड़ी असफलता है।

अब, राणा भारत की अदालत में है और एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं, जो मोदी ने कहा था, वो कर दिखाया।

तहव्वुर हुसैन राणा के भारत पहुंचते ही उसे कड़ी सजा देने की मांग होने लगी है। इसके साथ ही इसे मोदी सरकार की विदेश नीति और कूटनीति की बड़ी कामयाबी बताई जा रही है। विपक्ष के कई नेताओं ने भी उनकी तारीफ की है।

कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि बीजेपी सरकार उसे लंबे समय से वापस लाने की कोशिश कर रही थी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया है। वहीं, संजय राउत ने राणा को तुरंत फांसी दिए जाने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह बहुत बड़ी सफलता है। मोदी है तो मुमकिन है।

तहव्वुर राणा की वापसी न केवल 26/11 के पीड़ितों को न्याय दिलाने की तरफ एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भारत की वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक दृढ़ता को भी दिखाता है। अब यह देखना अहम होगा कि राणा के खिलाफ केस कितनी तेजी से आगे बढ़ता है और भारत को अन्य प्रत्यर्पण के मामलों में सफलता मिलती है।

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