तहव्वुर राणा: देर से आया, दुरुस्त आया कदम, पहले लाते तो खुलते पाकिस्तान के राज!
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मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को आखिरकार भारत लाया जा रहा है. इस पर शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे और पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

आदित्य ठाकरे ने कहा कि वे राणा को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं.

आनंद दुबे ने कहा कि यह कदम देर से उठाया गया है और इसे काफ़ी पहले ही उठाना चाहिए था. उनका मानना है कि अगर राणा को पहले लाया जाता, तो पाकिस्तान की कई साजिशों का पर्दाफाश हो सकता था.

दुबे ने कहा, देर से आया लेकिन दुरुस्त आया कदम है. ये बहुत ही पहले हो जाना चाहिए था. 11 साल से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार है. विश्वगुरु बनते हैं और पूरी दुनिया के सामने वो ताकतवर प्रधानमंत्री माने जाते हैं. इस तहव्वुर राणा को बहुत पहले लाते तो बहुत सारी चीजें जो पाकिस्तान की खुफिया या षड्यंत्रकारी काम है, उसको ये सरकार ढूंढती और समझती.

उन्होंने आगे कहा कि राणा को पहले लाने से देश और विदेश के लिए एक कामयाबी मिलती. कोई बात नहीं उसको लाओ और उससे जो-जो चीजें खोजनी चाहिए, हमारे दुश्मन हमारे खिलाफ क्या साजिश रच रहे, वो सभी जानकारी लेकर और बाद में उसे फांसी पर लटकाकर मार देना चाहिए. ऐसे लोगों को ज्यादा बिरयानी खिलाकर क्या लाभ होने वाला है.

दुबे ने दोहराया कि देश के दुश्मनों से तत्काल काम की खुफिया जानकारी लेने के बाद उन्हें खत्म कर देना चाहिए.

UBT नेता ने यह भी कहा कि भारत सरकार के अंदर रहने वाले नागरिक होने के नाते, वे यही कहेंगे कि यह कदम देर से आया लेकिन दुरुस्त आया है.

कुणाल कामरा विवाद पर आनंद दुबे का बयान

कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर आनंद दुबे ने कहा कि उनकी राय कानून-व्यवस्था के पक्ष में है. अगर कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है, तो पुलिस उस पर नज़र रखेगी. कानून-व्यवस्था क्यों बिगाड़ी जा रही है? आप कौन होते हैं कानून को अपने हाथ में लेने वाले.

उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा और उनके जैसे कई अन्य हास्य अभिनेताओं को सुरक्षा प्रदान करना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जिम्मेदारी है, ताकि लोग लोकतांत्रिक तरीके से सरकार की आलोचना कर सकें.

दुबे ने आगे कहा कि सरकारों की आलोचना करना हर नागरिक का दायित्व और जिम्मेदारी है. ये सरकार डरी हुई है या सहमी हुई है. इसी के लिए कुणाल कामरा पर बंदिशें लगा रही है, ये तो सरकार जाने. लेकिन हम देश के हर उस हास्य कलाकार के साथ खड़े हैं जो मर्यादा में रहकर सरकार की आलोचना करते हैं.

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