DNA: कौन हैं देश के राष्ट्रतोड़क और क्या हैं इस शब्द के मायने?
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आतंकियों और कट्टरपंथियों के इशारे पर देश में दंगा फैलाने वालों को राष्ट्रतोड़क गैंग कहा जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस शब्द का इस्तेमाल किया और इसकी व्याख्या की. इसके बाद मुद्दा राष्ट्र जोड़क बनाम राष्ट्रतोड़क हो गया है.

योगी आदित्यनाथ ने छत्रपति शिवाजी महाराज को राष्ट्र जोड़क और मोहम्मद अली जिन्ना को राष्ट्रतोड़क बताया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग दंगा-फसाद करवाते हैं, पत्थरबाजी करते हैं, अर्बन नक्सल हैं, और टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन करते हैं. ये सभी राष्ट्रतोड़क हैं.

सरदार वल्लभभाई पटेल ने बंटवारे के बाद देश को एक सूत्र में बांधने में भूमिका निभाई, इसलिए वो राष्ट्र जोड़क हैं. जबकि जिन्ना ने देश का बंटवारा किया, इसलिए वो राष्ट्रतोड़क हैं. फिर भी देश का एक तबका जिन्ना से प्रेम करता है, लेकिन सरदार पटेल जैसे राष्ट्र नायकों के योगदान को अनदेखा करता है.

योगी आदित्यनाथ ने उन नेताओं को भी राष्ट्रतोड़क बताया जो जिन्ना प्रेमी हैं. हाल ही में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद हुआ. औरंगजेब ने भारत में हिंदू मंदिरों को तुड़वाया और सनातन धर्म मानने वालों पर अत्याचार किया. इसके बावजूद कुछ नेता अपने वोटबैंक को सुरक्षित रखने के लिए उसका नाम लेते हैं.

मुर्शिदाबाद में वक्फ के बहाने दंगा-फसाद हुआ, जिसमें हिंदू टारगेट थे. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस पर चुप रहने से राष्ट्रतोड़क गैंग को बढ़ावा मिलेगा. बंगाल के मुर्शिदाबाद में दंगों के बाद 500 से ज्यादा हिंदुओं के पलायन की खबरें हैं. इस पर सवाल पूछने पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें पीड़ितों का सवाल बीजेपी का लगा.

राष्ट्रवाद एक भावना है जो लोगों को देश के प्रति समर्पित और निष्ठावान बनाती है. भारत को राष्ट्रतोड़क की नहीं, राष्ट्र जोड़क की जरूरत है.

वर्तमान राजनीति में राष्ट्रतोड़क और राष्ट्र जोड़क जैसे शब्द वक्फ कानून के कारण आए हैं. वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने केंद्र सरकार को कानून पर जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की और कानून पर रोक लगाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि वक्फ कानून का गलत फायदा उठाकर पूरे गांव को वक्फ घोषित कर दिया जाता है.

कोर्ट ने केंद्र सरकार से आश्वासन माँगा कि वक्फ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा और वक्फ बोर्ड और काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 5 मई तय कर दी. केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को यह आश्वासन दिया गया कि अगले 7 दिनों के लिए देशभर में वक्फ कानून से जुड़े फैसले नहीं लिए जाएंगे.

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