वक्फ बिल पर मुस्लिम समाज में आक्रोश, चिराग पासवान बोले - नाराजगी सिर-आँखों पर, वक्त बताएगा...
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वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 संसद से पारित हो चुका है। इस विधेयक को लेकर कई मुस्लिम संगठनों में नाराजगी देखी जा रही है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने वक्फ संशोधन का समर्थन करने पर मुस्लिम समाज की नाराजगी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, आपकी नाराजगी मेरे सिर आंखों पर है, लेकिन हकीकत यह है कि मेरे नेता ने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने का काम किया था, मेरी रगों में उनका ही खून है।

लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया ने आगे कहा कि वक्त बताएगा कि चिराग पासवान ने जो फैसले लिए, वे आपके हक में थे या नहीं। तब तक आप मुझसे नाराज रहें। चिराग पासवान का समर्पण अल्पसंख्यक वर्ग, मुसलमानों के प्रति है, उससे बड़ा मेरा समर्पण रामविलास पासवान के विचारों के प्रति है। उनकी विचारधारा सामाजिक न्याय की रही है और मैंने इससे कभी समझौता नहीं किया, ना भविष्य में करूंगा।

चिराग पासवान ने जोर देकर कहा कि आने वाला समय बताएगा कि वक्फ बिल पर उनका फैसला सही है या नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस फैसले को लेने से पहले हर बिंदु पर विचार किया गया था। उन्हें लोगों की चिंता थी और जब यह विधेयक सामने आया, तो उन्होंने जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की मांग की थी। पार्टी की तरफ से उनके सांसद अरुण भारती ने जेपीसी में अपना पक्ष रखा।

पासवान ने आश्वासन दिया कि यह बिल मुसलमानों के बिल्कुल भी खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को इस बात पर आपत्ति है तो वह कोर्ट जा सकता है।

चिराग पासवान ने कहा, हमारे संविधान में पहले से ही प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति को इस बात पर आपत्ति है कि उसके साथ न्याय नहीं हुआ तो वह कोर्ट जा सकता है। हमने वक्फ में जो संशोधन किए थे, वे इसी पर थे, क्योंकि ज्यादातर मामलों में वे कोर्ट नहीं जा सकते थे, इसी में संशोधन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति, पार्टी स्वतंत्र है। उन्होंने याद दिलाया कि खुद लालू यादव ने कहा था कि इसे और कठोर कीजिए, लेकिन आज जब इसे सख्त बना दिया गया है तो उनकी खुद की पार्टी कोर्ट जाने की बात करती है।

संसद में पास हुआ वक्फ संशोधन बिल

वक्फ संशोधन बिल 2025 संसद में पास हो गया है। 17 घंटे से ज्यादा चली चर्चा के बाद दोनों सदनों में बिल पास हो गया। सबसे पहले लोकसभा में ये बिल पेश किया गया, जिस पर सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी और देर रात करीब 2.30 बजे वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल गई। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े।

अगले दिन बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। यहां भी लंबी और सार्थक चर्चा के बाद रात करीब 2.50 बजे बिल को पास कर दिया गया। राज्य सभा में बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बिल कानून बन जाएगा।

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