20 से कम उम्र के युवा भी हो रहे हैं हार्ट अटैक का शिकार, जानिए कारण
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हार्ट अटैक एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है, जो अब कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है। 20 साल से कम उम्र के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं।

मध्य प्रदेश के इंदौर में द्वारकापुरी क्षेत्र में एक 18 वर्षीय युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रामनवमी की पूर्व संध्या पर घर में पूजा के दौरान वह सामान्य था, लेकिन रात ढाई बजे सीने में दर्द की शिकायत करने लगा और बेहोश हो गया। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के शिंदे कॉलेज में फेयरवेल के दौरान मंच पर स्पीच दे रही 20 वर्षीय छात्रा अचानक गिर गई और उसकी मौत हो गई। वायरल वीडियो में छात्रा स्पीच दे रही थी, तभी वह गिर गई। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया। खबरों के अनुसार, वर्षा की आठ साल की उम्र में हार्ट सर्जरी भी हुई थी।

पिछले कुछ वर्षों में खेलते-दौड़ते और ऑफिस में काम करते हुए कई लोगों की हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई है। इनमें 30 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या भी काफी है। स्वस्थ रहने के लिए आहार और व्यायाम पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है, लेकिन नियमित योग करने वाले और फिट रहने वाले खिलाड़ियों को भी हार्ट अटैक हुआ है।

मध्य प्रदेश के योग गुरु डॉ. पवन सिंहल, जिन्होंने 2022 में 11 घंटे में 100 किमी की दौड़ का रिकॉर्ड बनाया था, उनकी भी साइलेंट हार्ट अटैक से मौत हो गई। बांग्लादेश के पूर्व क्रिकेटर तमीम इकबाल को भी एक मैच के दौरान हार्ट अटैक हुआ, लेकिन तुरंत उपचार मिलने के कारण वह ठीक हैं।

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र एन. सिंह के अनुसार, हार्ट अटैक के लिए कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं है। लाइफस्टाइल और खान-पान की गड़बड़ी, काम का दबाव और शारीरिक निष्क्रियता इसके कारण हो सकते हैं। जिम जाने वाले लोगों में भी मामले बढ़े हैं, जिसका कारण बिना प्रशिक्षक या शरीर की जांच के तेज स्तर के व्यायाम करना हो सकता है।

तेज स्तर के व्यायाम के दौरान खून का संचार बढ़ जाता है, लेकिन कई मामलों में मुख्य धमनियों से जुड़ी छोटी-छोटी नसें समय पर नहीं खुल पाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह हार्ट के कुछ हिस्सों में बाधित हो सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

जिम जाने वालों को कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, लेकिन तीव्र व्यायाम के कारण रक्त का प्रवाह तेज होने से धमनियों पर दबाव बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है।

अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें और डॉक्टर की सलाह पर नियमित अंतराल पर फुल बॉडी चेकअप कराते रहें, ताकि शरीर में होने वाली समस्याओं का समय रहते पता लगाया जा सके।

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