ट्रम्प और मस्क के खिलाफ सड़कों पर उतरे अमेरिकी, हैंड्स ऑफ! आंदोलन ने पकड़ा जोर
News Image

शनिवार को अमेरिका में हैंड्स ऑफ! नामक विरोध प्रदर्शन में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन और एलन मस्क की नीतियों के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। इसे हाल के दिनों में ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन माना जा रहा है, जिसमें देशभर में 1,200 से अधिक स्थानों पर विरोध रैलियां आयोजित की गईं।

इन रैलियों में 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें नागरिक अधिकार समूह, श्रमिक संघ, LGBTQ+ कार्यकर्ता, पूर्व सैनिक और चुनाव से जुड़े कार्यकर्ता शामिल थे। हैंड्स ऑफ! प्रदर्शन ट्रम्प प्रशासन की नीतियों के प्रति असंतोष व्यक्त करने के लिए आयोजित एक व्यापक आंदोलन है।

विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य कर्मचारियों की छंटनी, बड़े पैमाने पर निर्वासन और ट्रम्प प्रशासन के अन्य विवादास्पद फैसलों का विरोध करना है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रम्प और एलन मस्क उन संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं जो उनके नहीं हैं।

इस आंदोलन के मुख्य मुद्दों में सरकारी एजेंसियों में कटौती, स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में कमी और ट्रांसजेंडर अधिकारों पर प्रतिबंध शामिल हैं। अरबपति व्यवसायी एलन मस्क, जो ट्रम्प के सलाहकार हैं और हाल ही में बनाए गए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के प्रमुख भी हैं, प्रदर्शनकारियों के विशेष निशाने पर रहे। मस्क पर कॉर्पोरेट हितों को आम जनता से ऊपर रखने का आरोप है।

सिएटल से न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी और बोस्टन तक, प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर और बैनर दिखाकर अपनी आवाज बुलंद की और विरोध दर्ज कराया। ह्यूमन राइट्स कैंपेन की अध्यक्ष केली रॉबिन्सन ने LGBTQ+ समुदाय पर हो रहे हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि पारिवारिक और व्यक्तिगत हमला है ।

बोस्टन में मेयर मिशेल वू ने कहा, मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे ऐसे देश में बड़े हों, जहां सरकार डराने-धमकाने की रणनीति अपनाए और नफरत को बढ़ावा दे।

प्रदर्शनों के जवाब में, व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर और मेडिकेड की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार ने डेमोक्रेट्स पर वित्तीय संकट पैदा करने का आरोप लगाया।

ट्रम्प के व्हाइट हाउस लौटने के बाद से अक्सर विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं, लेकिन हैंड्स ऑफ! प्रोटेस्ट महिला मार्च 2017 और ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन 2020 के बाद सबसे बड़ा जन आंदोलन माना जा रहा है।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

भाजपा में बड़ा फेरबदल! इस हफ्ते मिलेगा नया संगठन का कप्तान

Story 1

सबसे पहले इसी शख्स ने बनाई वायरल Ghibli इमेज, जानिए पूरी कहानी

Story 1

इंडियन आइडल 15: कोलकाता की मानुषी घोष बनीं विजेता, जीती ट्रॉफी, 25 लाख और कार!

Story 1

रामनवमी पर नीतीश कुमार झूमे राम आएंगे गाने पर

Story 1

SRH की ताकत बनी कमजोरी, क्या टूट रहा काव्या मारन का भरोसा?

Story 1

ट्रंप का टैरिफ: खूबसूरत चीज या कड़वी गोली ?

Story 1

सिराज का शतकवीर प्रदर्शन, IPL में 4 विकेट लेकर बने 12वें भारतीय तेज गेंदबाज!

Story 1

कोलकाता में रामनवमी पर बवाल: शोभायात्रा पर हमला, गाड़ियों पर पत्थरबाजी!

Story 1

दिल्ली में बीजेपी सरकार के बाद भी यमुना का हाल बेहाल, नहीं सुधरी स्थिति!

Story 1

इफ्तार मंजूर, रामनवमी क्यों नहीं? जादवपुर में आजाद कश्मीर नारों पर भड़के पद्मश्री काजी अख्तर