वक्फ बिल पर संसद में घमासान: आरोप-प्रत्यारोप के बीच 8 घंटे बहस!
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लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बहस शुरू हो गई है। स्पीकर ओम बिरला ने इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। सत्ता पक्ष विधेयक के समर्थन में है, जबकि विपक्ष इसे लेकर तीखा विरोध दर्ज करा रहा है। कांग्रेस ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध करने का ऐलान किया है।

सदन में गर्मागर्मी तब बढ़ गई, जब बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। गौरव गोगोई ने रिजिजू पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में रिजिजू ने उनसे अपने आरोप को साबित करने के लिए कहा। उन्होंने पूछा कि उन्होंने कौन सा बिंदु गलत तरीके से पेश किया है।

गोगोई ने पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री ने 2013 की कांग्रेस सरकार के बारे में जो कहा, वह पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने बार-बार सदन को गुमराह किया है और विपक्ष को भी अपनी बात रखने का अधिकार है।

वक्फ बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में वक्फ में ऐसे बदलाव किए गए जिसके कारण इस संशोधन की आवश्यकता हुई। उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों के कारण वक्फ ने संसद तक पर दावा कर दिया था। रिजिजू ने कहा कि अगर मोदी सरकार न आती तो संभव था कि संसद की यह भूमि भी डिनोटिफाई की गई संपत्तियों की तरह हो जाती।

कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई, मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद पार्टी का पक्ष रखेंगे। समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, मोहिबुल्लाह नदवी और इकरा हसन अपनी बात रखेंगे। एनडीए के घटक दलों में लोजपा से अरुण भारती और जदयू से लल्लन सिंह सदन में पार्टी का पक्ष रखेंगे।

केसी वेणुगोपाल ने वक्फ संशोधन बिल पेश करने पर सवाल उठाया, जिसके जवाब में स्पीकर बिरला ने कहा कि सभी सरकारी और गैर-सरकारी संशोधन प्रस्तावों को समान समय दिया गया है और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है।

अमित शाह ने बताया कि बिल संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था, विपक्ष की भी यही मांग थी। समिति के सुझाव कैबिनेट के पास गए और सरकार ने उन्हें स्वीकार किया। रिजिजू एक संशोधन के रूप में इसे लेकर आए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैबिनेट की मंजूरी के बिना कोई भी संशोधन बिल में शामिल नहीं किया गया है।

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने भी बिल की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सुझावों को गंभीरता से लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने इसे वक्फ की संपत्तियों को नष्ट करने की साजिश करार दिया।

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने एकजुटता दिखाते हुए संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करने के लिए संयुक्त रणनीति पर चर्चा की। बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, राम गोपाल यादव, सुप्रिया सुले, कल्याण बनर्जी और संजय सिंह जैसे नेता शामिल हुए।

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