इलाहाबाद में संगम के घाटों पर एक कड़वा सच छिपा है. ऊपरी चमक-दमक के पीछे, आम नाविकों के लिए बेरोजगारी और नदी माफिया का दबदबा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान ने आग में घी डालने का काम किया. उन्होंने कहा कि एक नाविक परिवार ने कुंभ के दौरान 130 नावों से 30 करोड़ रुपये कमाए.
इस बयान के बाद, हर नाविक को लुटेरा समझा जाने लगा. युवा नाविकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने एक हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर की वसूली को मल्लाहों की कमाई बता दिया.
जिस नाविक का नाम सामने आया, वह है पिंटू महरा, जो नैनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है. उसके परिवार का भी आपराधिक इतिहास रहा है.
द वायर हिंदी की पड़ताल में पता चला है कि प्रशासनिक गठजोड़ की वजह से पिंटू महरा के परिवार को कुंभ में करोड़ों का फायदा हुआ, जबकि सामान्य नाविकों को भारी नुकसान हुआ.
योगी सरकार ने कुंभ की सफलता के दावे तो खूब किए, लेकिन यह नहीं बताया कि कुछ बाहुबली नाविकों को पूरा संगम सौंप दिया गया था. उन्होंने तीर्थ-यात्रियों से मनमाने पैसे वसूले.
छोटे नाविकों का रोजगार छिन गया, और वे पिंटू महरा जैसे बाहुबलियों की नावों पर दिहाड़ी करने को मजबूर हो गए.
नाविक यूनियन के सदस्यों का कहना है कि कुंभ की तैयारी के दौरान यह अफवाह फैलाई गई कि नावें ठेकेदारी व्यवस्था के अंतर्गत चलाई जाएंगी और सिर्फ चुनिंदा घाटों पर चलेंगी.
इसे लेकर मल्लाह समुदाय ने कुंभ शुरू होने से पहले संगम में पुलिस का रास्ता रोककर विरोध-प्रदर्शन भी किया था.
नाविक यूनियन के सदस्य विशंभर पटेल का कहना है कि प्रशासन ने ऐसी परिस्थितियां तैयार कीं, जिससे पिंटू महरा के परिवार का नदी पर एकाधिकार हो गया.
निषाद राज गुह्य सेवा संघ के चेयरमैन मनोज निषाद का कहना है कि कुंभ में नाव चलाने का कोई अधिकृत ठेका नहीं था. इस तरह कुछ बाहुबलियों को पूरा कुंभ सौंप दिया गया.
विशंभर बताते हैं कि प्रशासन ने टेंट सिटी के धनी यात्रियों को ध्यान में रखकर नावें लगवाईं. इससे नाविकों के बीच भेदभाव पैदा हो गया और कुछ नाविकों को वीआईपी घाटों पर अधिकार मिल गया.
नाविकों का कहना है कि आम नाविकों की नाव लगाने की जगह को प्रशासन ने वीआईपी स्नानगृह खड़ा करके घेर लिया. बची जगह पर पिंटू महरा और उन जैसे बाहुबलियों की नावें लगीं.
नाविक संदीप नीबी बताते हैं कि अगर आम मल्लाहों ने गलती से या चालाकी से नावें लगा भी ली, तो वहां ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने यह सुनिश्चित किया कि वीआईपी यात्री उनकी नावों पर न बैठ पाएं.
खेवादार राजेश का कहना है कि कुंभ के दौरान पुलिसकर्मी खेवादार का काम करते दिखे. घाट तक कारों से पहुंचने वाले वीआईपी यात्रियों को पुलिस वाले खुद पिंटू महरा की नावों में बैठाते थे.
गोताखोर रूप चंद कलंदर बताते हैं कि इस कुंभ में 80 घाट थे, जिसमें 25-26 प्रमुख घाटों पर चंद माफियाओं का एकाधिकार था.
इस तरह, सैकड़ों नावों को नदी में उतरने नहीं दिया गया, जिससे जानबूझकर मांग बढ़ाई गई और लोगों से मनमाने पैसे वसूले गए.
नाविकों और खेवा देने वालों में मेला प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता गया. उनका कहना है कि कुंभ के दौरान उन्हें दरिया पर नाव चलाने के पारंपरिक अधिकार से वंचित कर दिया गया.
छतनाग निवासी राज कुमार कश्यप बताते हैं कि पूरे कुंभ के दौरान उन्हें झूंसी और छतनाग क्षेत्र में नाव नहीं लगाने दी गई.
नाविकों का कहना है कि इस तरह बाहुबली नाविकों के साथ इलाहाबाद में नाव माफिया का उदय हुआ और दरिया में नाव चलाने का अपराधीकरण हो गया. इसके साथ मल्लाहों के घाट और ठीहे भी उजड़ गए.
यह पहली बार नहीं है कि कुंभ के दौरान भ्रष्टाचार हुआ है. 2021 की सीएजी रिपोर्ट ने अर्द्धकुंभ-2019 के आयोजन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
नैनी थाने में पिंटू महरा के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश और वसूली जैसे डेढ़ दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसके परिवार के 5 सदस्यों की हत्या दबंगई और वर्चस्व की लड़ाई में हो चुकी है.
पिंटू महरा पर राजनीतिक संरक्षण का आरोप भी लगता रहा है.
द वायर हिंदी ने पिंटू महरा से पूछा कि कुंभ से पहले आपके पास कितनी नावें थीं, तो उन्होंने कहा, हमारे परिवार के पास 60 नावें थीं. 70 नावें हमने कुंभ शुरू होने से पहले बनवाई हैं.
इस मामले में द वायर हिंदी ने जिला प्रशासन का पक्ष जानने के लिए उनसे हिस्ट्रीशीटर पिंटू महरा को संरक्षण देने और कुंभ में उसे प्राथमिकता देकर लाभ पहुंचाने का आरोप मेला प्रशासन पर लग रहा है। यूपी सरकार से उसके आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने का भी आरोप है। हालांकि, अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. जवाब मिलने पर रिपोर्ट में जोड़ दिया जाएगा.
*हिस्ट्रीशीटर पिंटू महरा को संरक्षण देने और कुम्भ में उसे प्राथमिकता देकर लाभ पहुँचाने का आरोप मेला प्रशासन पर लग रहा है। यूपी सरकार से उसके आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने का भी आरोप है।
— Sushil manav (@manav_sushil) March 13, 2025
कृपया इन सवालों के जवाब दीजिए। @Krishna_VK12, @kumbhMelaPolUP, @prayagraj_pol @igrangealld pic.twitter.com/DpyVRADUTG
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