बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस का हालिया चीन दौरा विवादों में घिर गया है. उन्होंने चीन से पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों का हवाला देते हुए अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करने की अपील की, जिससे भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है.
मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर के सातों राज्यों को लैंडलॉक्ड (ज़मीन से चारों ओर से घिरा) क्षेत्र बताया और बांग्लादेश को इस इलाके में समंदर का एकमात्र संरक्षक बताते हुए चीन से यहां आर्थिक गतिविधि बढ़ाने का आग्रह किया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मोहम्मद यूनुस के इस बयान को आपत्तिजनक बताया है, जबकि पूर्व भारतीय राजनयिकों ने भी इस पर हैरानी जताई है.
पिछले हफ्ते चीन दौरे के दौरान यूनुस ने बीजिंग के साथ कई समझौते किए, जिनमें तीस्ता रिवर कॉम्प्रिहेंसिव मैनेजमेंट एंड रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियों को शामिल करने का प्रस्ताव भी शामिल है. इसे भारत के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. इस यात्रा के दौरान बांग्लादेश को चीन और उसकी कंपनियों से लगभग 2.1 अरब डॉलर के निवेश, कर्ज और अनुदान के रूप में मदद का आश्वासन मिला.
28 मार्च को बीजिंग में एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद यूनुस ने कहा, भारत के सात राज्य...भारत के पूर्वी हिस्से...जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, ये भारत के लैंडलॉक्ड क्षेत्र हैं. समंदर तक उनकी पहुंच का कोई रास्ता नहीं है. इस पूरे क्षेत्र के लिए समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं. इसलिए यह विशाल संभावना के द्वार खोलता है.
उन्होंने आगे कहा, इसलिए यह चीनी अर्थव्यवस्था के लिए विस्तार हो सकता है...चीजें बनाएं, उत्पादन करें...चीज़ें बाज़ार में ले जाएं...चीज़ें चीन में लाएं और बाकी दुनिया तक पहुंचाएं. उन्होंने जल संसाधन को लेकर नेपाल और भूटान का भी जिक्र किया और कहा कि इनके पास असीमित हाइड्रो पावर है जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के मोहम्मद यूनुस का, पूर्वोत्तर भारत के सेवन सिस्टर्स राज्यों को लैंडलॉक्ड बताना और बांग्लादेश को उनके लिए समंदर तक पहुंच का एकमात्र गार्जियन बताना, आपत्तिजनक और निंदनीय है.
भारत में बांग्लादेश की उच्चायुक्त रहीं वीना सीकरी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार मार्गों को लेकर सटीक बॉर्डर एग्रीमेंट हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा लीडरशिप द्वारा भारत के पूर्वोत्तर के लैंडलॉक्ड होने वाले बयान का वे कोई लॉजिक नहीं समझ पा रही हैं.
साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर धनंजय त्रिपाठी ने कहा कि चीन में भारत के पूर्वोत्तरी राज्यों का जिक्र करते वक्त मोहम्मद यूनुस भूल जाते हैं कि यह भारत का हिस्सा है. बांग्लादेश के एक जिम्मेदार राजनीतिक व्यक्ति के रूप में उन्हें किसी तीसरे देश में इस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह एक अच्छी कूटनीतिक प्रथा नहीं है.
भारत के विदेश सचिव रहे कंवल सिब्बल ने मोहम्मद यूनुस के बयान को खतरनाक विचार बताया है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यूनुस, बांग्लादेश के माध्यम से हमारे पूर्वोत्तर क्षेत्र में चीन के प्रभाव को बढ़ाने और समुद्र तट पर बांग्लादेश के नियंत्रण का लाभ उठाते हुए, हमारे पूर्वोत्तर के लैंडलॉक्ड राज्यों को चीन के प्रभाव में लाने के लिए चीन को और अधिक खुलकर प्रोत्साहित कर रहे हैं.
अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने भी यूनुस के बयान पर सवाल उठाए हैं और उनके बयान की वीडियो क्लिप साझा करते हुए इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाया है.
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने कहा है कि चीन और बांग्लादेश की करीबी से भारत को दिक्कत हो सकती है. उन्होंने कहा कि तीस्ता नदी परियोजना में चीन की भागीदारी भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.
*7-sisters of India is a land-locked country....errrr region. Bangladesh is only guardian of ocean.
— Open Letter (@openletteryt) March 31, 2025
Muhammad Yunus is literally begging China to use Bangladesh as a base and exploit Nepal & Bhutan to exert pressure on India!
What a disgrace!!! pic.twitter.com/Wrbi2iwShO
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