ऑपरेशन ब्रह्मा: भूकंप से म्यांमार तबाह, भारत दे रहा राहत
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म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली है। भूकंप से मची तबाही के बाद भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।

भारत सरकार ने म्यांमार को जरूरी सहायता भेजी है और देश में ऑपरेशन ब्रह्मा के नाम से राहत और बचाव अभियान शुरू किया है।

घायलों को तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए दो नौसैनिक जहाज तैनात किए गए हैं। 118 चिकित्सा कर्मियों के साथ एक सेना फील्ड अस्पताल भी तैनात किया गया है।

म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में आए इस भीषण भूकंप में 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और भारी नुकसान हुआ है। रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता वाले भूकंप ने म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही मचाई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि राहत सामग्री लेकर दो भारतीय नौसैनिक जहाज म्यांमार के लिए रवाना हो गए हैं और दो और जहाज भी उनके साथ जाएंगे।

पहला जहाज 10 टन राहत सामग्री लेकर रवाना हुआ, जबकि दूसरा जहाज दोपहर बाद रवाना हुआ। इन जहाजों के 31 मार्च तक यांगून पहुंचने की उम्मीद है। अंडमान और निकोबार कमान के तहत श्री विजयपुरम में तैनात दो अतिरिक्त जहाज भी भारत के सहायता प्रयासों को मजबूत करेंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर जा रहे हैं।

वायु सेना भी राहत सामग्री और कर्मियों को तैनात करने में सक्रिय रूप से लगी हुई है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत कई विमान तैनात किए गए हैं। पहला विमान 15 टन राहत सामग्री लेकर गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स बेस से उड़ा और यांगून पहुंचा। म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने यांगून के मुख्यमंत्री को टेंट, कंबल, भोजन के पैकेट और आवश्यक दवाएं सौंपीं।

खोज और बचाव दल लेकर दो और विमान म्यांमार के लिए रवाना हुए। इनमें 118 सदस्यीय सेना फील्ड अस्पताल इकाई भी शामिल है। लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में भारतीय सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की टीम, मांडले में 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करेगी और उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करेगी।

भारत ने कंक्रीट कटर, ड्रिल मशीन और कैनाइन दस्तों सहित विशेषज्ञ खोज और बचाव उपकरणों से लैस 80 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम भी भेजी है। यह टीम मलबे के नीचे फंसे लोगों को खोजने में स्थानीय अधिकारियों की सहायता करेगी और नेय पी ताव में तैनात रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की, संवेदना व्यक्त की और पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

जायसवाल ने कहा कि भारत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता बनने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने तुर्की और सीरिया में ऑपरेशन दोस्त जैसे पिछले सहायता मिशनों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व एक परिवार है के सिद्धांत का पालन करता है।

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