बिगड़ेगा मौसम: 60 किमी की रफ़्तार से चलेंगी हवाएं, कहां होगी बारिश?
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भीषण गर्मी से जूझ रहे देश में मौसम बदलने वाला है। तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, लेकिन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल के शुरुआती दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और आसपास के इलाकों में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जो उत्तरी तमिलनाडु और भीतरी कर्नाटक से होकर गुजरेगा। इसके प्रभाव से 1 से 4 अप्रैल के बीच मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, केरल, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में गरज और बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 30-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि गुजरात में 1-2 अप्रैल को, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक में 1 से 4 अप्रैल के दौरान और गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल, झारखंड में 2-4 अप्रैल के दौरान तेज हवाओं के साथ बादल बरसेंगे और ओले गिरने की भी आशंका है।

उत्तर प्रदेश के बलिया में मिला कच्चे तेल का भंडार

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सागरपाली गांव के पास कच्चे तेल का बड़ा भंडार मिला है। ओएनजीसी (ONGC) के अधिकारियों ने गंगा बेसिन में तीन महीने के सर्वेक्षण के बाद तेल भंडार की पुष्टि की है।

ओएनजीसी काफी समय से इस इलाके में कच्चे तेल की खोज कर रही थी। इसके लिए कंपनी ने कई स्थानीय किसानों से जमीन लीज पर ली थी, जिसमें चित्तू पांडे का परिवार भी शामिल है। उनके परिवार से साढ़े छह एकड़ जमीन लीज पर ली गई है, जिसके लिए ओएनजीसी हर साल 10 लाख रुपये किराया देगी।

ओएनजीसी के अधिकारियों के अनुसार, तेल का भंडार खोजने के लिए कंपनी ने 3000 फीट गहरी खुदाई की, जिसमें प्रतिदिन 25,000 लीटर पानी का इस्तेमाल होता था। खुदाई अप्रैल तक पूरी होने की उम्मीद है और कंपनी 300 किलोमीटर के क्षेत्रफल में खुदाई करेगी। यह प्रोजेक्ट बलिया से फाफामऊ तक होगा। तेल का भंडार मिलने से बड़ी संख्या में किसानों को फायदा होने वाला है।

चित्तू पांडे के वंशज नीत पांडे का कहना है कि ओएनजीसी ने 10 लाख रुपये की सालाना डील पर उनकी जमीन 3 साल के लिए लीज पर ली है। बाद में इसे एक साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। अगर इस इलाके में सचमुच तेल का भंडार मिलता है, तो आसपास की जमीनें काफी महंगी हो जाएंगी, जिससे स्थानीय किसानों को ही फायदा होगा।

अप्रैल 2021 तक भारत के पास 587.335 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का भंडार था। इनमें से ज्यादातर ऑयल रिजर्व पश्चिमी तट, गुजरात और असम में है। अब बलिया में तेल मिलने से न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि देश को भी काफी फायदा होगा। प्रयागराज तक खुदाई होने की संभावना है।

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