तंबाकू मांगने पर पुलिस का कहर, बेटे की मौत, मां की चीख
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उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पुलिस की क्रूरता की एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। दुबौलिया थाने के उभई गांव में एक 17 वर्षीय लड़के, आदर्श उपाध्याय को पुलिस ने कथित तौर पर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।

आदर्श का अपराध क्या था? बताया जा रहा है कि वह कोई अपराधी नहीं था। वह गांव का एक सीधा-सादा लड़का था, जो गाय चराता था और घर के काम में परिवार की मदद करता था। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसने गांव के एक अमीर आदमी से तंबाकू मांगा था।

यह बात सेठ को पसंद नहीं आई। इस पर विवाद हुआ और सेठ ने पुलिस को बुला लिया। आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने जो किया उसने एक मां से उसका बेटा छीन लिया।

घटना के मुताबिक, सोमवार को दुबौलिया थाने की पुलिस आदर्श को गांव से ले गई थी। परिजनों का आरोप है कि पूरी रात उसे पीटा गया। पुलिस ने आदर्श को थर्ड डिग्री दी। इससे भी पुलिसकर्मियों का मन नहीं भरा तो मंगलवार की सुबह फिर से उसकी पिटाई की गई।

रोती-बिलखती मां का कहना है कि पुलिस वालों ने उसके बेटे को छोड़ने के लिए 5000 रुपये मांगे। जब गरीब परिवार पैसे देने में असमर्थ रहा तो पुलिस ने आदर्श को जानवरों की तरह पीटा, इतना पीटा कि उसके मुंह से खून निकलने लगा। उसकी हालत बिगड़ती देख पुलिसकर्मी उसे उसके घर ले गए और वहीं छोड़ दिया।

जब परिजनों ने आदर्श की तबीयत बिगड़ती देखी तो वे घबरा गए। उसे तत्काल सीएचसी हरैया ले जाया गया। आदर्श की हालत गंभीर देख डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन, जिला अस्पताल ले जाने से पहले ही रास्ते में आदर्श की मौत हो गई।

आदर्श की मौत से परिजनों में चीख पुकार मच गई। गांव में मातम छा गया। आदर्श को बुरी तरह पीटने वाले पुलिसकर्मियों की बर्बरता से परिजनों और ग्रामीणों में गुस्सा है।

मृतक आदर्श की मां ने बताया कि पुलिसकर्मी उसके बेटे को उठाकर ले गए। दिन-रात उसे पीटते रहे। पुलिसकर्मियों ने गांव में फोन किया। प्रधान को फोन कर सूचना दी। पुलिसकर्मियों ने उसे जल्दी थाने आने को कहा। मंगलवार दोपहर करीब दो बजे वह अपने छोटे बेटे को लेकर थाने पहुंची। वहां पुलिस ने कहा कि 5000 रुपये देकर अपने बेटे को ले जाओ, नहीं तो वह नहीं मिलेगा। पुलिसकर्मियों ने उसके छोटे बेटे से जबरन कागज पर कुछ लिखवाया।

मां ने बताया कि जब आदर्श को थाने से उन्हें दिया गया तो उसकी तबीयत खराब थी। वह गांव से पैदल थाने पहुंची थीं। बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी। उसके मुंह से खून निकल रहा था। उन्होंने पुलिसकर्मियों से गुहार लगाई लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। वह खुद ही एंबुलेंस के जरिए बेटे को अस्पताल ले गईं।

घटना के बाद परिजन और ग्रामीण दोषी पुलिस कर्मियों को निलंबित करने और केस दर्ज करने की मांग पर अड़ गए। उन्होंने आदर्श के शव के साथ प्रदर्शन किया। सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सीओ सिटी ने परिजनों को शांत कराया। रात में कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद परिजन बेटे के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हुए।

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