8 साल में छोड़ा घर, अंपायरिंग से पेट भरा, अब दिल्ली के दबंग !
News Image

मध्य प्रदेश के क्रिकेटर आशुतोष शर्मा की आईपीएल में छा जाने की कहानी फिल्मी है। संघर्ष, कठिनाइयां, सपने और सफलता—इन सबका मेल उनकी जिंदगी को प्रेरणा देता है।

आशुतोष ने दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हुए 31 गेंदों में 66 रनों की तूफानी पारी खेली और लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ टीम को 1 विकेट से रोमांचक जीत दिलाई। लेकिन उनका सफर आसान नहीं था।

रतलाम में पैदा हुए आशुतोष 8 साल की उम्र में इंदौर आ गए थे। हालात इतने मुश्किल थे कि माता-पिता भी उन्हें छोड़कर चले गए। कई बार पैसे नहीं होते थे, तो अंपायरिंग करके खाने का इंतजाम करना पड़ता था। 10 साल की उम्र से ही उन्होंने खुद से खाना बनाना और कपड़े तक धोना शुरू कर दिया था।

उनके क्रिकेटिंग सफर को सही राह तब मिली जब पूर्व क्रिकेटर अमय खुरसिया उनकी जिंदगी में आए।

2018 में आशुतोष शर्मा ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के लिए डेब्यू किया। अगले सीजन में मध्य प्रदेश के लिए अपने आखिरी टी20 मैच में उन्होंने 84 रन की पारी खेली। 2020 में अंडर-23 टूर्नामेंट में 2 शतक भी ठोके थे। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 6 मैचों में 3 अर्धशतक निकले थे।

इसके बावजूद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। वो बुरी तरह टूट गए थे लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने रेलवे की टीम में जाने का निर्णय किया। रेलवे में कोच और सेलेक्टर्स ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें पूरी मदद दी।

कोरोना के दौरान हालात और भी खराब हो गए थे। टीम होटल और जिम तक ही सीमित रहने के कारण वो मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि गलती क्या हुई और उन्हें टीम से क्यों बाहर कर दिया गया। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और हर दिन तीन घंटे प्रैक्टिस जारी रखी। धीरे-धीरे हालात बदले और रेलवे की ओर से शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें आईपीएल का दरवाजा खुलता नजर आया।

रेलवे के लिए खेलते हुए उन्होंने 11 गेंद में अर्धशतक जड़ा और युवराज सिंह का 12 गेंदों में फिफ्टी का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। रणजी ट्रॉफी डेब्यू में गुजरात के खिलाफ उन्होंने शतक भी जड़ा था।

दिल्ली कैपिटल्स में आने से पहले आशुतोष पंजाब किंग्स के साथ थे। पंजाब ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीदा था। तब कोच संजय बांगर और शिखर धवन के साथ उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर खूब काम किया। संजय बांगर ने उन्हें समझाया कि वह सिर्फ स्लॉगर नहीं, बल्कि एक क्लासिक बल्लेबाज हैं। आशुतोष ने भी अपनी ताकत को पहचाना और आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन किया।

अब सभी की नजरें उनके आगे के सफर पर टिकी हैं। उन्होंने संघर्ष से जो सीखा है, वही अब उनकी सबसे बड़ी ताकत बन चुका है। देखना दिलचस्प होगा कि यह युवा खिलाड़ी आने वाले समय में अपने करियर को किस मुकाम पर ले जाता है।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

बिहार बोर्ड 12वीं का रिजल्ट सबसे पहले क्यों? जानिए असली वजह!

Story 1

6 साल की बच्ची का पुल शॉट देख दंग क्रिकेट जगत, रोहित शर्मा से हो रही तुलना

Story 1

थाने में हाथापाई: स्वीटी बूरा ने पति दीपक हुड्डा की पकड़ी गर्दन, लगाए गंभीर आरोप

Story 1

आपसे यह नहीं कह... परफॉर्मेंस में सोनू निगम पर छात्रों ने फेंके पत्थर-बोतलें, फिर भी दिखाया सौम्य रूप

Story 1

कमरे में बंद कर पत्नी ने बरसाए थप्पड़, पति ने लगाई बचाने की गुहार

Story 1

पहली बार ₹1 लाख करोड़ का बजट! साफ पानी के लिए ₹9000 करोड़, सीएम की बड़ी घोषणाएं

Story 1

लखनऊ के मालिक सुन लो! हर जगह दादागिरी नहीं चलती, ये ऋषभ हैं, केएल राहुल नहीं!

Story 1

पानी में हाथ डालते ही शार्क ने खींचा, कैमरे में कैद खौफनाक मंजर

Story 1

भाई, एक बॉल तो... श्रेयस अय्यर की शतक से चूक, शशांक सिंह बने ट्रोल

Story 1

जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर बार एसोसिएशन का हंगामा: तो सिस्टम ही खत्म हो जाएगा!