महरंग बलोच, बलूचिस्तान की एक मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलूच यकजहती समिति (BYC) की लीडर, को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आतंकवाद के गंभीर आरोप लगाए गए हैं और उन्हें क्वेटा डिस्ट्रिक्ट जेल में रखा गया है।
यह मामला BYC के सदस्यों पर क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल के मुर्दाघर से जफ्फर ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के शव जबरन ले जाने के आरोप से शुरू हुआ। पुलिस का कहना है कि महरंग और उनके साथियों ने शव चुराए, हिंसा भड़काई, पुलिस पर गोलीबारी की और देश-विरोधी नारे लगाए।
BYC और महरंग के समर्थक इसे सरकार की साजिश बताते हैं, जिसका मकसद बलूचों की आवाज़ को दबाना है। महरंग पिछले कई सालों से बलूचिस्तान में गायब लोगों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हैं।
21 मार्च को क्वेटा में सरियाब रोड पर उनका प्रदर्शन शुरू हुआ, जिसमें वह अपने साथी बीबर्ग बलोच, उनके भाई और बोलन मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल डॉ. इलियास बलोच की गिरफ्तारी के खिलाफ धरने पर थीं। BYC का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण धरने पर बर्बर कार्रवाई की, जिसमें कई लोग हताहत हुए।
पुलिस ने महरंग के खिलाफ कई FIR दर्ज की हैं, जिनमें मुर्दाघर से शव ले जाने, आतंकवाद, हत्या, हत्या की कोशिश और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसे आरोप शामिल हैं। इन आरोपों में एंटी-टेररिज्म एक्ट और पाकिस्तान पीनल कोड की कई धाराएँ जोड़ी गई हैं।
गिरफ्तारी के बाद महरंग को क्वेटा डिस्ट्रिक्ट जेल में रखा गया है। उनकी कजिन अस्मा बलोच ने बताया कि परिवार को उनसे मिलने या खाना देने की इजाजत नहीं दी जा रही।
BYC ने इसे मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया और लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की।
इस घटना के बाद बलूचिस्तान में हड़ताल और प्रदर्शन शुरू हो गए। कई शहरों में दुकानें बंद रहीं और लोगों ने महरंग की रिहाई की मांग की।
महरंग की गिरफ्तारी पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।
उनकी गिरफ्तारी जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले से भी जुड़ी है, जिसमें कई लोग मारे गए थे। BYC का कहना है कि सरकार ने मारे गए लोगों के शव बिना पहचान के दफनाने की कोशिश की, जिसके खिलाफ वे प्रदर्शन कर रहे थे।
पाकिस्तान सरकार महरंग और BYC से इसलिए डर रही है क्योंकि बलूचिस्तान में सालों से आजादी की मांग चल रही है। सरकार को लगता है कि अगर यह आंदोलन फैला, तो उसका कंट्रोल खतरे में पड़ सकता है।
महरंग बलोच पेशे से डॉक्टर हैं, लेकिन उनकी असली पहचान बलूचिस्तान की आवाज है। उन्होंने 2006 से बलोचों के हक की लड़ाई शुरू की। उनके प्रयासों से आज उनके साथ लाखों लोग जुड़ गए हैं।
Hello, everyone,
— Mahrang Baloch (@MahrangBaloch_) March 22, 2025
I am Dr. Mahrang Baloch’s sister. As long as she remains unlawfully detained by the state of Pakistan, I will be managing this account and providing updates on her situation.
Please raise your voice for the safe release of Mahrang Baloch, Beboo Baloch, Bebagar… pic.twitter.com/1u2X7R7HYi
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