नागपुर हिंसा: मास्टरमाइंड फहीम खान का घर ध्वस्त, नगर निगम का बुलडोजर चला
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नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे फहीम खान के अवैध रूप से निर्मित दो मंजिला घर को नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने सोमवार को जमींदोज कर दिया. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत देने के कुछ दिनों बाद हुई है.

मुख्यमंत्री फडणवीस से 22 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पूछा गया कि क्या उत्तर प्रदेश की तरह नागपुर में भी दंगाइयों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाएगा, तो उन्होंने कहा था, जब सही समय आएगा, तब कार्रवाई की जाएगी. इसके तुरंत बाद एनएमसी ने फहीम खान के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया.

फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का नागपुर शहर अध्यक्ष है. आरोप है कि उसने यशोधरा नगर के संजय बाग कॉलोनी में प्लॉट नंबर 61/ए पर अवैध निर्माण कराया था. एनएमसी ने पहले महिरुनिस्सा शमीम खान के नाम से एक नोटिस जारी किया था, जिसकी प्रति फहीम खान के घर पहुंचाई गई थी. इस नोटिस में फहीम खान और उसके परिजनों से एक सप्ताह के अंदर अवैध निर्माण तोड़ने को कहा गया था, अन्यथा एनएमसी द्वारा कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी.

एनएमसी अधिकारियों ने पुष्टि की कि प्लॉट नंबर 61/ए पर लगभग 900 वर्ग फीट में अवैध निर्माण हुआ था, जिसे ध्वस्त किया गया. फहीम खान को नागपुर में हुए दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उस पर देशद्रोह का भी मामला दर्ज किया गया है. पुलिस सांप्रदायिक हिंसा में उसकी कथित भूमिका की विस्तृत जांच कर रही है.

17 मार्च को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर महल में गांधी गेट के पास शिवाजी चौक पर प्रदर्शन किया था. इस दौरान उन्होंने औरंगजेब का पुतला जलाया था.

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हरे रंग का एक झंडा जला दिया, जिस पर पवित्र आयतें लिखी थीं. इसी अफवाह के कारण नागपुर में हिंसा भड़क गई. दंगाइयों ने कई सरकारी और निजी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थर फेंके.

हिंसा के बाद, पुलिस ने बांग्लादेशी नेटवर्क से संभावित संबंधों की जांच के लिए फहीम खान और उसके सहयोगी हमीद इंजीनियर के मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे. फहीन पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो शेयर करने का आरोप है, जिससे हिंसा भड़की. साइबर पुलिस प्रोडक्शन वारंट के ज़रिए उसे हिरासत में लेने की प्रक्रिया में है.

एनएमसी अधिकारियों ने 20 मार्च को फहीन के घर का निरीक्षण किया था और कहा था कि इसका निर्माण महाराष्ट्र रीजनल एंड टाउन प्लानिंग एक्ट, 1966 का उल्लंघन करके किया गया है.

लगभग एक सप्ताह तक चली अशांति के बाद रविवार को नागपुर के दंगा प्रभावित क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि 17 मार्च की हिंसा से शहर का 80 प्रतिशत हिस्सा अप्रभावित है. नागपुर हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

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