उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर से एक हृदयविदारक दृश्य सामने आया है। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान एक मासूम बच्ची अपनी झोपड़ी से किताबें लेकर भागती हुई दिखाई दी। इस घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और योगी आदित्यनाथ की सरकार पर तीखा हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना का वीडियो साझा करते हुए लिखा, अंबेडकर नगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपड़ियां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है। ये वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ!
यह घटना जलालपुर तहसील क्षेत्र के अरई ग्रामसभा में हुई। न्यायालय के आदेश के बाद नवीन परती की भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए राजस्व टीम पहुंची थी। आरोप है कि अतिक्रमणकर्ता के बेटे ने छप्पर में आग लगा दी और सरकारी काम में बाधा डाली, जिसके चलते पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बाद में पुलिस प्रशासन ने जेसीबी के माध्यम से अतिक्रमण हटाया।
जानकारी के अनुसार, अरई गांव के अजईपुर पुरवे में राम मिलन ने ग्राम सभा की नवीन परती भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ था। राम मिलन बनाम ग्राम सभा के मुकदमे में तहसीलदार ने बेदखली का आदेश दिया था। बीते शुक्रवार को एसडीएम, तहसीलदार समेत राजस्व टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। अतिक्रमण हटाने की तैयारी के दौरान ही छप्पर में आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने आग बुझाई।
आठ साल की अनन्या जलते छप्पर के बीच अपनी किताबों को बचाने के लिए दौड़ पड़ी। अधिकारियों और पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह चिल्ला पड़ी कि अंदर उसकी किताबें हैं। बच्ची की बात सुनकर तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव ने उसे किताबें निकालने की अनुमति दी। कोतवाल संतोष कुमार सिंह और महिला सिपाहियों ने बच्ची को छप्पर में ले जाकर उसकी किताबों से भरा बस्ता सुरक्षित बाहर निकाला।
इस घटना के संबंध में हल्का लेखपाल घनश्याम वर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान राम मिलन का बेटा अखिलेश नशे की हालत में आया और उसने अपने घर की महिलाओं को उकसाया। आरोप है कि उसने स्वयं ही अपने छप्पर में आग लगा दी। मौके पर दमकल विभाग और कई थानों की पुलिस भी पहुंची थी।
उप्र के अम्बेडकर नगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपड़ियां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है। ये वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ! pic.twitter.com/eSTJKvZZKD
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 22, 2025
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