लखनऊ कोर्ट में पुलिस अधिकारी को वकीलों ने दी गंदी गालियां, विवाद गहराया
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लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी में पुलिस और वकीलों के बीच का विवाद एक हफ्ते बाद भी थमता हुआ नहीं दिख रहा है। सोशल मीडिया पर लखनऊ के कोर्ट परिसर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ वकील एक पुलिस अधिकारी को गाली-गलौज करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

यह मामला लखनऊ के कोर्ट परिसर का है। विभूतिखंड थाने के ACP राधारमण सिंह को वकील वहां से वापस जाने के लिए कह रहे थे। वकीलों ने ACP राधारमण सिंह के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे कैमरे में कैद कर लिया गया। वीडियो में अपशब्द स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, राधारमण सिंह वकीलों से बातचीत करने के लिए कोर्ट पहुंचे थे क्योंकि पिछले दिनों पुलिस और वकीलों के बीच टकराव हुआ था, जिसके दौरान दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे।

इस घटना की शुरुआत होली के दिन, 14 मार्च को हुई। वकील सौरभ वर्मा के अनुसार, उनके तीन साथी वकीलों को पुलिस स्टेशन में पीटा जा रहा था। जब वे थाने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि कई पुलिसकर्मी उनके साथियों को बुरी तरह से पीट रहे थे। वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें गालियां दीं, उनके पेशे का मजाक उड़ाया और उनके साथ अभद्रता की। सौरभ वर्मा ने यह भी दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें पेशाब पिलाया।

इस घटना के विरोध में वकीलों ने लखनऊ के विभूतिखंड चौराहे पर प्रदर्शन किया और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताया। लगभग चार घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद मामले में FIR दर्ज की गई। विभूतिखंड थाने के SHO सहित 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई, जिसमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, अपमान करना, लूटपाट, जान से मारने की धमकी देना और दंगा फैलाना जैसी धाराएं शामिल हैं।

इसके बाद, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लगभग 150 वकीलों के खिलाफ केस दर्ज किए, जिससे वकीलों में नाराजगी फैल गई। अवध बार एसोसिएशन ने 17 मार्च को एक दिन की हड़ताल की घोषणा की, जिसमें दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर वकीलों की सुरक्षा पर चिंता जताई और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

18 मार्च को, मामले से संबंधित 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। इसमें एक अतिरिक्त इंस्पेक्टर, दो दरोगा और दो सिपाही शामिल हैं। पुलिस और वकीलों के बीच हुए विवाद और FIR की जांच गोमती नगर थाने में कराई जाएगी।

राधारमण सिंह के साथ की गई बदसलूकी से यह स्पष्ट है कि लखनऊ में वकीलों और पुलिस के बीच तनाव अभी शांत नहीं हुआ है।

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