पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर पंजाब पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। शंभू बॉर्डर से किसानों को हिरासत में लिया जा रहा है और खनौरी बॉर्डर को खाली कराया जा रहा है। दोनों बॉर्डर के आसपास इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
बुधवार शाम को प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाड़ दिए गए और बिजली काट दी गई। इससे पहले, मोहाली में सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल जैसे बड़े किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। किसान नेता मंगत ने जानकारी दी कि पंधेर और डल्लेवाल के अलावा अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय को भी हिरासत में लिया गया है। ये सभी नेता केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर की ओर जा रहे थे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पिछले साल फरवरी से यहां आंदोलन कर रहे हैं।
पंजाब पुलिस ने पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचों को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया।
भाजपा नेता फतेहजंग सिंह बाजवा ने पंजाब पुलिस द्वारा किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई अरविंद केजरीवाल के लिए राज्यसभा सीट सुनिश्चित करने और लुधियाना पश्चिम उपचुनाव जीतने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बातचीत करने के लिए अपने मंत्रियों की टीम भेजी है, लेकिन लुधियाना पश्चिम के व्यापारियों ने आप को वोट न देने की बात कही है क्योंकि सभी सड़कें बंद हैं।
शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि भगवंत मान का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय में यही भगवंत मान किसानों के पास जाकर कह रहे थे कि मेरी सरकार बनाइए, MSP की गारंटी मैं दूंगा। सरकार बनाने के बाद वे 3 साल से झूठ बोल रहे हैं।
शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसान जत्थेबंदियों के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार करके किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश की है और किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है।
केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि किसान नेताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई की खबर सुनकर वह स्तब्ध हैं। केंद्रीय मंत्रियों ने अगले दौर की वार्ता की तारीख बता दी है।
पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार शंभू और खनौरी बॉर्डर खोलना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं और उन्हें दिल्ली या कहीं और विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, लेकिन पंजाब की सड़कें बंद नहीं करनी चाहिए।
इससे पहले, किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच नये दौर की बैठक हुई। अगली बैठक चार मई को होगी।
*#WATCH | Punjab Police uses bulldozers to remove temporary structures erected by farmers at Punjab-Haryana Shambhu Border where they were sitting on a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 19, 2025
The farmers are also being removed from the Punjab-Haryana Shambhu Border. pic.twitter.com/mMrHe5fq15
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