शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा को जानकारी दी है कि त्रि-भाषा फॉर्मूले के तहत किसी भी राज्य पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बच्चों द्वारा सीखी जाने वाली भाषाएं राज्यों और छात्रों की पसंद के अनुसार ही होंगी। किसी भी राज्य को किसी विशेष भाषा को अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
यह फैसला नई शिक्षा नीति के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और छात्रों के अनुकूल बनाना है।
मंत्रालय के अनुसार, नई शिक्षा नीति में बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए विशेषज्ञों के साथ लगातार मंथन किया जा रहा है।
परीक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्रालय का लक्ष्य है कि शिक्षा प्रणाली छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करे और उन्हें बेहतर नागरिक बनने में मदद करे।
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No language to be imposed on any state under three-language formula, languages learned by children to be choices of states and students: Education Ministry tells Rajya Sabha. pic.twitter.com/z7q0l0lQ5a
— Press Trust of India (@PTI_News) March 19, 2025
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