सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी: समुद्र में कैप्सूल उतरते ही डॉल्फिनों ने किया स्वागत!
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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आए हैं. उनके साथ नासा के निक हेग और रॉसकॉसमॉस के अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी लौटे हैं.

ये चारों अंतरिक्ष यात्री नासा/स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के सदस्य थे. उन्हें स्पेसएक्स ड्रैगन यान के जरिए फ्लोरिडा तट के पास सफलतापूर्वक लैंड कराया गया.

स्पेसएक्स ड्रैगन यान ने अंतरिक्ष यात्रियों को बुधवार (19 मार्च) तड़के 3:27 बजे (IST) फ्लोरिडा तट पर उतारा.

दिलचस्प बात ये रही कि उस वक्त डॉल्फिन्स का झुंड कैप्सूल के चारों ओर तैरता नजर आया, जब रिकवरी टीम यान को बाहर निकाल रही थी.

रिकवरी वेसल ने कैप्सूल को पानी से बाहर निकाला और उसके साइड हैच को पहली बार सितंबर के बाद खोला गया.

इसके बाद यात्रियों को बाहर निकालकर उन्हें तुरंत ह्यूस्टन भेजा गया, जहां वे 45 दिनों की देखभाल और पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरेंगे.

स्पेसएक्स क्रू-9 टीम ने सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी कर ली है. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी 10:35 बजे (IST) स्पेसक्राफ्ट से अनडॉक हुए, जिसका वीडियो नासा ने शेयर किया.

स्पेसएक्स को इस मिशन में क्रू-9 को सुरक्षित पृथ्वी पर लाने की जिम्मेदारी दी गई थी. स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए क्रू-10 टीम को भेजा गया जिसने अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचकर क्रू-9 की जगह ली.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी.

ये मिशन सिर्फ 8 दिनों का होना था, लेकिन यान में प्रणोदन प्रणाली (प्रोपल्शन) की समस्या की वजह से ये संभव नहीं हो पाया.

सितंबर में ये यान बिना किसी क्रू के वापस लौट आया जिससे दोनों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में ही फंस गए.

इसके बाद नासा ने उनकी वापसी की योजना बदली और उन्हें स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन में शामिल किया गया.

मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक बार फिर सुनवाई होगी. जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच में दोपहर 2:00 बजे से सुनवाई होगी.

अदालत में इस मामले में प्रतिवादियों को 19 मार्च को होने वाली सुनवाई में अपना पक्ष रखने को कहा गया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट से आए फैसले को हिंदू पक्ष पूरी तौर पर अपनी बड़ी जीत के तौर पर देख रहा है.

मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई डेढ़ दर्जन याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट अयोध्या मामले की तर्ज पर सीधे तौर पर सुनवाई कर रहा है. हालांकि हाईकोर्ट में अभी तक इन मुकदमों का ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है.

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