नागपुर में हिंसा: 1000 की भीड़, हथियार और चेहरे ढके, सिर्फ हिंदुओं की दुकानों-घरों को निशाना बनाया
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नागपुर, 18 मार्च 2025: नागपुर में 17 मार्च 2025 की शाम को हुई हिंसा सुनियोजित थी। करीब 1000 कट्टरपंथियों की भीड़ ने चेहरे ढके हुए और हाथों में हथियार लेकर हिंदुओं की संपत्ति को निशाना बनाया।

बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने बताया कि हिंसा पूरी तरह से हिंदुओं के खिलाफ थी। मुस्लिमों की दुकानों, घरों, गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया। भीड़ ने पहले सारे कैमरे तोड़े, फिर हिंसा की।

हमलावरों ने पत्थरों से हमला किया और तलवारों से दरवाजों को काटने की कोशिश की। गाड़ियों को फूँक दिया गया। आगजनी और पत्थरबाजी के बाद भीड़ गायब हो गई। दावा किया जा रहा है कि भीड़ में शामिल लोग बाहर से लाए गए थे।

दटके ने कहा कि हमलावर आसपास के इलाकों से थे, स्थानीय नहीं थे। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर हिंदुओं की रक्षा न कर पाने का आरोप लगाया। घटना के समय स्थानीय पुलिस थाने के इंस्पेक्टर का फोन भी बंद था।

एक पीड़ित महिला ने अपने घर के दरवाजे को दिखाते हुए कहा कि हमलावरों ने तलवारों से हमला किया था। एक अन्य पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। तीसरी मंजिल पर बच्चे थे, वहाँ तक पत्थर फेंके गए। करीब 25-30 गाड़ियों को तोड़फोड़ करके आग के हवाले कर दिया गया।

एक स्थानीय महिला ने बताया कि भीड़ अचानक आई, चेहरे ढके थे और हाथों में हथियार थे। वे चिल्ला रहे थे और पत्थर फेंक रहे थे। दुकानें तोड़ीं और गाड़ियाँ जलाईं। सब बाहरी लोग थे, प्लानिंग साफ थी।

एक दुकानदार ने कहा कि उन्होंने घर में आग लगाने की कोशिश की और पत्थर मारे जिससे वह घायल हो गए। उनकी गाड़ियाँ भी तोड़ दी गईं और फिर आग के हवाले कर दी गईं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार सुबह महाल इलाके में शिव जयंती का कार्यक्रम हुआ। दोपहर 12 बजे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की माँग को लेकर प्रदर्शन किया और उसका पुतला जलाया। अफवाह फैली कि कुरान जला दी गई है। पुलिस ने इसे झूठ बताया, पर मुस्लिम भीड़ ने इसे बहाना बनाकर शाम 5 बजे से हिंसा शुरू कर दी।

शाम 7:30 बजे के बाद हिंसा ने जोर पकड़ा, जो आधी रात के बाद तक जारी रहा। चितनवीस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड तक 40 से ज्यादा गाड़ियाँ जला दी गईं। दुकानों में तोड़फोड़ हुई और घरों पर पत्थर फेंके गए।

पुलिस पर भी हमला हुआ। डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से वार किया गया, उनके हाथ में गहरी चोट लगी।

पुलिस ने लाठीचार्ज और आँसू गैस का इस्तेमाल किया, पर भीड़ नहीं रुकी। अब तक 50 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं। सीसीटीवी और वीडियो से पहचान चल रही है। शहर में कर्फ्यू लगा है।

महाराष्ट्र सरकार के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने कहा है कि हिंसा के पीछे की वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। घटना में 12-14 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना के पीछे की वजह का पता लगाया जाएगा। कानून हाथ में लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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