वो गाड़ियों को खींच-खींचकर ले गए... - नागपुर में झड़प, हालात काबू में
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नागपुर, महाराष्ट्र में 17 मार्च की शाम दो इलाकों में हुई हिंसा के बाद तनाव बना हुआ है. स्थानीय पुलिस ने 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है.

हिंसा में 25 से 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 65 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

सोमवार देर शाम महाल इलाके में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई. दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया. कार्रवाई के बाद स्थिति नियंत्रण में आई, लेकिन शांति ज़्यादा देर तक नहीं रही.

देर रात हंसपुरी इलाके में आगजनी की ख़बर आई. पुलिस के अनुसार, कई दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया. उग्र भीड़ ने 25 बाइकों और 3 कारों को आग के हवाले कर दिया.

नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने बताया कि शहर में स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है. पुलिस शामिल लोगों की पहचान कर रही है और तलाशी अभियान चला रही है. धारा 144 लागू कर दी गई है और लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की गई है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए हिंदूवादी संगठन ने प्रदर्शन आयोजित किया था. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाए जाने की अफवाह फैली. बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया.

नागपुर के DCP अर्चित चांडक ने बताया कि घटना कुछ ग़लत जानकारियों के फैलने से हुई.

दूसरी झड़प 17 मार्च की देर रात हंसपुर इलाक़े में पुराना भंडारा रोड के पास हुई. उग्र भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और घरों में तोड़फोड़ की गई व आग लगा दी गई.

हंसपुरी के स्थानीय निवासियों ने बताया कि उपद्रवियों ने तलवार से घर के दरवाजों पर हमला किया और 8-10 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. एक चश्मदीद ने बताया कि हमलावरों के चेहरे ढके हुए थे और उनके हाथों में तलवार, डंडे और बोतलें थीं.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलाक़े में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. फिलहाल वहां शांति है. झड़प की पहली घटना महाल के चितनीस पार्क क्षेत्र में हुई थी.

कांग्रेस सांसद श्यामकुमार बर्वे ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और इन घटनाओं को मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है.

AIMIM नेता वारिस पठान ने हिंसा की निंदा की है और महाराष्ट्र सरकार से कारणों की जांच करने की मांग की है.

महाराष्ट्र BJP प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि स्थिति के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन को इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को न बख्शने का निर्देश दिया है.

महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने इस हिंसा को साज़िश बताया है और कहा है कि जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जनता की रक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों पर इस तरह का हमला दुर्भाग्यपूर्ण है.

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