कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास अदानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील दी गई है.
विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में हंगामा करते हुए कहा कि गुजरात के कच्छ जिले के खावड़ा में रिन्यूएबल एनर्जी पार्क स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया गया है. उनका आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर संतोषजनक जवाब नहीं दे रही है.
यह मामला तब गरमाया जब एक ब्रिटिश अखबार ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा नियमों में ढील दी है, जिससे अदानी समूह को लाभ हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात सरकार ने केंद्र सरकार से संपर्क किया, जिसमें खावड़ा के पास 30 हजार मेगावाट हाइब्रिड आरई पार्क विकसित करने की अनुमति देने की शर्तों में ढील देने की मांग की गई.
मुख्य मुद्दा यह है कि पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ एक किलोमीटर दूर विंड एनर्जी के लिए टरबाइन जनरेटर और सोलर पैनल लगाने की अनुमति कैसे दी गई. रक्षा मंत्रालय ने 21 अप्रैल, 2023 को सीमा सुरक्षा मानदंडों में ढील देने पर सहमति व्यक्त की ताकि इस जमीन का रिन्यूएबल एनर्जी के लिए इस्तेमाल आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सके.
हालांकि, भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुरू में इस बदलाव पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि पवन चक्कियाँ और सोलर पैनल टैंकों की लामबंदी और सुरक्षा निगरानी में बाधा डालेंगे. बाद में सैन्य अधिकारियों को दुश्मन के टैंकों की आवाजाही से होने वाले किसी भी खतरे को कम करने का आश्वासन दिया गया.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सवाल उठाया कि सीमा के दस किलोमीटर के भीतर बुनियादी ढांचे की कोई बड़ी परियोजना नहीं लगाई जा सकती है, तो खावड़ा परियोजना के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील क्यों दी गई. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब में कहा कि खावड़ा पार्क को मंजूरी देते समय मानदंडों का पालन किया गया था.
खावड़ा आरई पार्क एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा पार्क माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में इसकी आधारशिला रखी थी. यह एक हाइब्रिड ऊर्जा पार्क है, जिसमें पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा दोनों का इस्तेमाल किया जाएगा.
गुजरात सरकार के अनुसार, राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों को जमीन आवंटित की है, जिसमें अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) को 190 वर्ग किलोमीटर जमीन शामिल है. इनमें से कुछ जमीन विशेष रूप से विंड एनर्जी के बुनियादी ढांचे के लिए है.
भारत ने 2030 तक अपनी 40 प्रतिशत बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन से पैदा करने की प्रतिबद्धता जताई है. इस लक्ष्य को पूरा करने में खावड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि खावड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क ने पहले ही 3000 मेगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन शुरू कर दिया है.
हालांकि, सवाल यह है कि क्या अदानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए. गुजरात सरकार ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, लेकिन एक सरकारी सूत्र ने कहा कि अदानी समूह के पास खावड़ा पार्क में भूमि का सबसे बड़ा हिस्सा है.
यह भी सवाल है कि शुरू में जो जमीन सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआईएल) को आवंटित की गई थी, वह अदानी को कैसे मिली. इन सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं.
VIDEO | Parliament Budget Session: On the Adani project in Khavda, Congress leader Gaurav Gogoi (@GauravGogoiAsm) says, We wanted to know from the government as we knew from the media that this project is of Adani Power. Is Adani above national security. Was special treatment… pic.twitter.com/EKqEIUfDda
— Press Trust of India (@PTI_News) March 12, 2025
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