प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंबा साक्षात्कार, पाकिस्तान में जारी विभाजन की घटनाएँ और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तुलसी गबार्ड के साथ हुई बैठक - ये तीनों घटनाएँ भारतीय राजनीतिक माहौल में एक अद्भुत संयोग के रूप में देखी गईं।
पाकिस्तान में संकट गहराता जा रहा है। बलूचिस्तान में स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तानी सेना को दो बार भारी नुकसान पहुंचाया। बोलन प्रांत में जाफर एक्सप्रेस को रोककर लगभग 200 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया गया। इसके बाद हुए जवाबी हमले में पाकिस्तानी सेना ने 90 और सैनिक गंवाए। इसके अतिरिक्त, अज्ञात हमलावरों ने भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद और अबु कताल की हत्या कर दी। ये सभी घटनाएँ महज दो दिनों के भीतर हुईं।
इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक लंबा साक्षात्कार सामने आया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की नीतियों और उसकी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2014 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सम्मानपूर्वक आमंत्रित कर अच्छे संबंधों की शुरुआत करने की कोशिश की गई थी, लेकिन पाकिस्तानी नेतृत्व ने अपनी नीतियों में कोई बदलाव नहीं किया।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ गुप्त युद्ध जारी रखा, वैश्विक स्तर पर आतंकवाद फैलाया, और लगभग हर आतंकी गतिविधि का संबंध पाकिस्तान से जुड़ा हुआ पाया गया। आज पाकिस्तान उसी जहर का शिकार हो रहा है, जिसे उसने खुद बोया था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान के नेतृत्व को सद्बुद्धि नहीं आती, तो वह अपने टुकड़े होने से नहीं बच सकेगा। यह बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के पतन की ओर इशारा करता है।
ठीक उसी समय, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर आईं और उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस बैठक में भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर विशेष जोर दिया गया, और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता में भारत की बढ़ती भूमिका पर भी चर्चा हुई। अजीत डोभाल के नेतृत्व में नई दिल्ली में 20 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और खुफिया प्रमुखों की दो दिवसीय बैठक होने जा रही है, और इसी सिलसिले में तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर आई हैं।
क्या यह महज संयोग है या कोई सोची-समझी रणनीति? प्रधानमंत्री मोदी का साक्षात्कार, पाकिस्तान में बढ़ती अस्थिरता और अजीत डोभाल-तुलसी गबार्ड की बैठक - इन तीनों घटनाओं को किसी ने जानबूझकर नहीं जोड़ा है, लेकिन यह संयोग इतना गहरा है कि इसे नजरअंदाज करना मुश्किल है।
हालांकि पाकिस्तान का टूटना किसी बैठक या वार्ता का सीधा परिणाम नहीं होता, फिर भी इन तीनों घटनाओं का एक ही समय पर घटित होना एक विशेष रणनीतिक संकेत देता है। इसे केवल संयोग मानना शायद सही नहीं होगा, क्योंकि ये सभी घटनाएँ दक्षिण एशिया में एक नए बदलाव की ओर संकेत कर रही हैं।
NSA Ajit Doval, US Director of National Intelligence Tulsi Gabbard discuss India-US ties
— ANI Digital (@ani_digital) March 16, 2025
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