बिहार में हाल ही में पुलिसकर्मियों पर हमलों की घटनाओं के बाद एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने सख्त आदेश जारी किया है। अधिकारी ने कहा कि आत्मरक्षा में पुलिसकर्मी गोली चला सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे। उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर महानिदेशक (एडीजी) कुंदन कृष्णन ने सोमवार को कहा कि राज्य के कई हिस्सों में पुलिसकर्मियों पर हाल ही में हुए हमलों में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारी कुंदन कृष्णन ने बताया कि पुलिस के पास हथियारों और गोला-बारूद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमले की कुल 12 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 27 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
अधिकारी ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों पर भीड़ ने हमला किया, वे हथियारबंद थे, लेकिन उन्होंने संयम बनाए रखा और हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले सभी लोगों की पहचान कर ली गई है।
बिहार में हाल ही में दो सहायक अवर निरीक्षकों (एएसआई) की लोगों द्वारा हमले किए जाने के बाद मौत हो गई थी। अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों (अररिया, मुंगेर, भागलपुर, नवादा, पटना, भोजपुर, जहानाबाद) से पुलिसकर्मियों पर हमले की खबरें आई हैं।
इस बीच, बिहार विधानसभा के सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर राज्य में पुलिसकर्मियों पर हमलों की हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने बाद में विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री से उनके कक्ष में मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, दोनों शीर्ष अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को राज्य में पुलिसकर्मियों पर हाल ही में हुए हमलों और कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी। नीतीश कुमार के पास गृह विभाग का प्रभार भी है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर पत्रकारों से कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में हमलों में कई पुलिसकर्मी मारे गए और घायल हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है, लेकिन उन्हें राज्य में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था की जरा भी चिंता नहीं है। तेजस्वी ने दावा किया कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की हत्या हुई है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पिछले 20 सालों में 60,000 हत्याएं और 25,000 बलात्कार/सामूहिक बलात्कार हुए हैं।
*#WATCH | Patna, Bihar: On the murder of two police personnel, Kundan Krishnan, ADG Bihar Police, says, Unfortunately, two of our colleagues attained martyrdom. One had gone to catch a wanted criminal and was in a raiding team. His accomplices attacked the police, freed him, and… pic.twitter.com/Kb4hXJzp5T
— ANI (@ANI) March 17, 2025
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